इंजीनियर से बनी राज्य की पहली मुस्लिम DSP, रजिया सुल्तान ने रचा इतिहास बनी प्रेरणा

हमारे भारत में एक कुछ ऐसे उदाहरण हम सभी के सामने पेश होते हैं जो हम सबको प्रेरणा देने का काम करते हैं। हम लोगों के बीच में कुछ ऐसे लोग एक उदाहरण बन कर पेश होते हैं जो कई लोगों को अपनी कामयाबी और मेहनत से प्रभावित करते हैं। आज हम बात करेंगे बिहार के गोपालगंज जिले के सतुआ से ताल्लुक रखने वाली रजिया सुल्तान की।
रजिया सुल्तान केवल 27 साल की उम्र में डीएसपी पद पर चुनी गई है।

आपके बताए 64वी बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए हैं, जिसमें रज़िया सुल्तान डीएसपी पद पर चुनी गई है। खास बात यह है कि रजिया सुल्तान पहली मुस्लिम समुदाय की महिला है जो डीएसपी बनी है।

पढ़ाई के साथ मेहनत का है असर

रजिया सुल्तान की बात करें तो उनकी प्राथमिक शिक्षा झारखंड के बोकारो से हुई है। उन्होंने दसवीं बारहवीं की पढ़ाई झारखंड से की है। इसके बाद रजिया ने उत्तर प्रदेश के झांसी से एमबीए किया है और इसके अलावा उन्होंने जोधपुर से भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर में बीटेक की पढ़ाई की है।

पिता का हो गया जल्दी ही निधन

रजिया सुल्तान के पिता की बात करें तो उनके पिता मोहम्मद असलम बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर पद पर कार्यरत थे। साल 2016 में उनके पिता का एक बीमारी के चलते निधन हो गया था। सात भाई बहन में रजिया सबसे बड़ी थी। जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी लेते हुए, उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करना शुरू कर दिया था।

बचपन से सिविल क्षेत्र में जाना चाहती थी

रजिया सुल्तान की बात करें उन्हें बचपन से सिविल क्षेत्र में जाने की इच्छा थी। आपको बताएं रजिया ने मेहनत करके बिजली विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर पद पर नौकरी पा ली थी। लेकिन सिविल क्षेत्र में जाने की अपनी इच्छा को उन्होंने टूटने नहीं दिया। सरकारी बिजली विभाग में नौकरी करते हुए उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। साल 2017 में उनकी बिजली विभाग में नौकरी लगी थी। वहीं पर रहते हुए उन्होंने बीपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी।

पहले प्रयास में पास की परीक्षा

रजिया सुल्तान की बात करें तो उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही बीपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया है। वे बताती हैं कि साल 2018 में उन्होंने प्री परीक्षा पास की थी, 2019 में मेन और साल 2020 में इंटरव्यू पास कर लिया था। पुलिस सेवा में जाने के लिए बहुत उत्साहित है। वह कहती है कि महिलाओं के लिए काम करना चाहती हैं, वे चाहती हैं कि अपराध को कम कर सके।

दिया यह संदेश

रजिया सुल्तान लोगों को संदेश देते हुए कहती हैं कि मां-बाप को बेटियों को पढ़ाना चाहिए। बेटियो के मन में लगन हो तो माता-पिता को उस को प्रोत्साहित करना जरूरी है। समाज की चिंता ना करते हुए बच्चे के भविष्य को देखते हुए मां बाप को अपने बच्चों को पढ़ाना जरूरी है। वह कहती हैं कि मुस्लिम समाज में बुर्के में रहना गलत नहीं है। हिजाब को स्कूल व कॉलेज में पहन सकते हैं, बंदी से बुर्का नहीं है। बन्दी मन के अंदर है, अगर मन में विश्वास हो तो कुछ भी पाया जा सकता है।

कोरोना को लेकर दिया यह संदेश

रजिया सुल्तान कोरोनावायरस से संबंधित कहती है कि लोगों को वैक्सीन लगवानी जरूरी है। वे कहती हैं कि अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि मुस्लिम समाज टीका लगवाने से कतरा रहा है। इस पर वे कहती हैं कि किसी को भी डरना नहीं चाहिए, वैक्सीन कोरोना से लड़ने के लिए एक कारगर उपाय है। इसी को देखते हुए उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न देते हुए कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए।

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