गांव में रह कर अध्यापक का बेटा बना आईएएस, IAS राहुल मिश्रा का UPSC संघर्ष

आज हम आपको कहानी बताएगे बिहार (Bihar) के समस्तीपुर (samastipur) के गांव धुरलक (Dhurlak) के रहने वाले राहुल मिश्रा (Rahul Mishra) की। राहुल मिश्रा ने साल 2019 मे यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में 202वी रैंक हासिल की थी। अपने दूसरे प्रयास में राहुल ने आईएएस बनने तक का सफर तय किया था।

आईएएस राहुल मिश्रा (IAS Rahul Mishra) ने 2016 में बीएचयू आईआईटी से इंजीनियरिंग पूरी की है। आईआईटी (IIT) के बाद राहुल ने 6 महीने तक मल्टीनेशनल कंपनी में भी काम किया था। कंपनी में जॉब करते हुए राहुल को यूपीएससी का खयाल हुआ और उन्होंने जॉब छोड़कर आईएएस की तैयारी करने शुरू कर दिया।

राहुल मिश्रा अपने आईएएस बनने के लिए कहते है कि आईएएस बनने के लिए उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत की थी। राहुल कहते है कि उनके पिता का पूरा सपोर्ट रहा तभी वह इस मुकाम तक पहुचे है। राहुल के पिता बिपिन मिश्रा अध्यापक है। पिता के साथ रह कर ही राहुल ने इस कठिन परीक्षा की तैयारी की थी। राहुल तभी कहते है कि उनके पिता ने हर जगह उनका सहयोग किया।

अच्छी लाने का था सपना

राहुल मिश्रा ने आल इंडिया में 202वी रैंक हासिल की थी। लेकिन राहुल उतनी रैंक से भी खुश नही है। वह कहते है कि उन्हें और अच्छी रैंक चाहिए। वह अच्छी रैंक के लिए आगे भी एक दो प्रयास करेंगे।

राहुल मिश्रा के पिता बिपिन मिश्रा ने राहुल के आईएएस बनने के बाद कहा कि राहुल हमेशा से ही मेहनती रहा है। उसने मेहनत और लग्न से ही इस मुकाम को पाया है। शहरों में बच्चे आईएएस की तैयारी करने के लिए जाते है , बड़े बड़े संस्थाओं से कोचिंग लेते है, लेकिन मुझे खुशी है कि राहुल ने गांव में रहकर परीक्षा की तैयारी की और सफलता प्राप्त की है।

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