अनोखा रिवाज ~ यहाँ लड़के को पकड़ के करवाई जाती है जबरदस्ती शादी, कुख्यात पकड़ौआ शादी का काला सच

बॉलीवुड की सुपरहिट रही मूवी “जबरिया जोड़ी” तो आपने देखी ही होगी और उस मूवी से आपको इतना तो समझ आ ही गया होगा की जबरिया शादी होती क्या है। लेकिन फिर भी इस लेख में मैं आपको इस अजीबोगरीब शादी की पूरी दास्तान बताऊंगी। तो चलिए शुरु करते है शुरुआत से…..

क्या होता है पकड़ौआ विवाह?

वैसे इस पकड़ौआ शादी (Pakadua Marriage) का चलन कहां से शुरु हुआ इसका कोई पुख्ता सबूत तो नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि दूल्हे को उठवा कर शादी कराने का चलन बिहार के बेगूसराय जिले से शुरु हुआ था।

पकड़ौआ शादी में गांव और परिवार के दबंग लोग इलाके के किसी भी पढ़े – लिखे और अमीर घर के लड़को का अपहरण करके उसकी किसी भी लड़की से जबरन शादी करा देते थे और अगर लड़का ज्यादा उछल कूद करता तो उसको चार हाथ भी लगा दिए जाते थे। यही नहीं अगर कोई ज्यादा चु – चपाट करता तो उसे घोड़े पर चढ़ाने की जगह अर्थी पर चढ़ाने की धमकी दी जाती थी। अब भाई बेचारा दूल्ह क्या करे या तो अरथी चढ़े, या फिर घोड़ी चढ़े।

दूल्हा तो दूल्हा ये दबंग दूल्हें के परिवार वाले तक को इतना डरा देते थे कि बेचारे मजबूरी वश जबरिया विवाह को स्वीकार कर लेते थे। शादी यही खत्म नहीं होती ये लोग अपनी निगाहें तब तक गड़ा कर रखते थे जब तक लड़की का एक बच्चा न हो जाए।

इस शादी को लेकर लोगों के मन में इतना खौफ था कि जहां मां – बाप को लड़के की अच्छी नौकरी लगने पर उसे दही – शक्कर खिलाकर काम करने के लिए भेजना चाहिए वहां वो मां – बाप लड़के का घर निकलना बंद करवा देते थे। यही नौकरीपेशा लड़को को घर से अकेले तक नहीं निकलने दिया जाता था। ये तो हमने बात की कि जबरन शादी होती क्या है। अब जान लेते है की जबरन शादी के पीछे की वजह क्या है?

जबरन विवाह के पीछे की वजह आखिर क्या?

वैसे इस पकड़ौआ शादी को कराने के पीछे की वजह दहेज प्रथा बताई जाती है। लेकिन अगर हम और आप इसे गौर से समझे तो इसके पीछे कई वजह है।

पहली वजह: 70 से 80 के दशक की बात करें तो उस समय बिहार में शिक्षा और जागरुकता का काफी अभाव था। जिस कारण से ‘हम दो हमारे दो’ की तो धज्जियां उड़ गई थी। सीधे शब्दों में उस समय में लोगों की 5, 6 बच्चे होते थे। अब बच्चे ज्यादा पर आमदनी कम। ऐसे मां – बाप को अपनी बेटीयों की शादी के लिए बहुत दिक्कत उठानी पड़ती थी, वो इसलिए क्योंकि बिहार में तो शुरु से ऊंची जाती के लोगों को स्टेटस दिखाने का भूत चढ़ा रहता था। तो भला वो छोटे और गरीब घर की लड़कियों को अपने घर की बहू कैसे बनाए। यही कारण था कि एक गरीब बेटी का बाप अपनी बेटी की शादी के लिए पकड़ौआ विवाह का सहारा लेता था।

दूसरी वजह: अब गरीब घर के लोगों को तो इस तरीके की शादी का तो सहारा लेना ही पड़ता था। लेकिन पकड़ौआ विवाह का चलन चलते ही इलाके के दबंगो ने इसे अपना धंधा बना लिया। अब होता यू कि अगर किसी पिता को अपनी बेटी की जबरन शादी करानी होती तो वो इन दबंगों के पास जाते इनके बीच डील होती। और डील के मुताबिक लड़की की शादी कराना और उसे उसके ससुराल में मान – सम्मान दिलाने पर पर दबंगों को फीस के तौर पर कुछ रकम दी जाती। इतना ही नहीं इस डील के भी अलग – अलग वैरायटी थी।

यानी की अगर लड़का डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी या रेलवे विभाग में हो तो लड़की के पिता उस हिसाब से अपनी जेब खाली करनी पड़ती। यानी की अगर लड़की के लिए इंजीनियर दूल्हा चाहिए तो दंबग को 2 लाख रुपये देने पड़ते।

कहां से मिलती है लड़के की डिटेल?

अब लड़का उठवा लिया, शादी करवा दी, लेकिन क्या अपने सोचा की कौन – सा लड़का किसमें नौकरी कर रहा है, अच्छा है, अमीर घर से है या नहीं, क्या करता है कितना पढ़ा है, यह सभी जानकारी कहां से मिलती है? मैं बताती हुं, दरअसल, पकड़ौआ विवाह कराने में सबसे ज्यादा योगदान रिश्तेदारों और अगल – बगल के परिवारों का होता है।

जी हां, यह परिवार और रिश्तेदार लड़के की ऊपर से लेकर नीचे तक की सभी जानकारी की लड़का कब शहर से आया, किसमें नौकरी लगी, यह सब जानकारी वो दबंगों देते है जिसके बाद वह लड़के को अगवा करते है। इतना ही नहीं शादी के बाद दूल्हन के साथ उसके ससुराल में कैसा व्यवहार हो रहा है इसकी जानकारी भी वही दबंगों देते है।

पकड़ौआ शादी के कुछ चर्चित मामले?

1. साल 2012 में सहरसा (Sahrsa) जिले के रहने वाले आलोक को उसके दोस्त पार्टी का लालच देकर अपने साथ ले गए। अब आलोक जी ने तो सोचा की पार्टी में खूब खाने – पीने को मिलेगा लेकिन उन्हें कहां पता था कि ये पार्टी उन्हीं की शादी की है। फिर क्या बंदूक के बल पर मंडप पर बैठाया और जबरन विवाह कराया।

2. साल 2013 में शेखपुर (Shekhpur) जिले के रवीन्द्र कुमार झा के 15 साल के बेटे की शादी 11 साल की एक बच्ची के साथ करवा दी गई। रवीन्द्र कुमार ने इस शादी को मानने से इंकार कर दिया। लेकिन लड़की वालों ने उनके ऊपर दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया।

3. साल 2017 में विनोद कुमार नाम के एक इंजीनियर की जबरन शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। समाज और दबंगों के लाख डराने धमकाने के बाद भी विनोद ने इस शादी को नहीं माना और पटना के परिवार न्यायालय में शादी की वैधता को चुनौती दी, जिसके बाद 2019 में इस शादी को अमान्य घोषित कर दिया गया।

4. थोड़े दिन पहले ही समस्तीपुर में पकड़ौआ विवाह का मामला सामने आया है,

पकड़ौआ विवाह (Pakadua Vivah) का नुकसान किसको?

इस विवाह से अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होता है तो वह है लड़का और लड़की। लड़की का पिता तो कम खर्च में बेटी की शादी करवा देता है लेकिन उस लड़की को पूरी जिंदगी कितने ताने मारे जाते है इस बात को कोई नहीं समझता। इतना ही नहीं जबरन शादी के कारण लड़की पूरी जिंदगी अपने पति के पल भर के प्यार के लिए तरस जाती है।

वही, लड़के की बात करे तो इस तरह की शादी से लड़का मानसिक रुप से काफी परेशान रहता है एक तरह से देखा जाए तो कितने लड़के पूरी जिंदगी लड़की को दिल से अपनी पत्नी कभी नहीं मानते। कहते है प्यार रिश्ते की बुनियाद होती है लेकिन ऐसी शादियों में सिर्फ डर और नफरत रह जाता है।

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