19 साल का वैज्ञानिक गोपाल जी जिसने 3 बार ठुकराया नासा का ऑफर, देश के लिए काम करने की जिद्द

देश के सबसे बीमारू राज्य की छवि सालों से ढ़ो रहे बिहार ने हर साल अपने जिलों से कुछ ऐसे होनहारों को निकाला जिन्होंने देशभर में सुर्खियां बटोरी। ऐसी कई कहानियां है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने 19 साल की उम्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

बिहार के भागलपुर जिले के ध्रुबगंज गांव में किसान प्रेमरंजन कुंवर के बेटे गोपाल जी को महज 19 साल की उम्र में अमेरिका तक लोग जानते हैं।

तीन बार ठुकरा दिया नासा का ऑफर

देश की बड़ी स्पेस एजेंसी नासा में काम करने का सपना हर कोई युवा वैज्ञानिक देखता है लेकिन जब सामने से 3 बार ऑफर मिले और हर बार ठुकरा दें ऐसे हैं गोपाल जी जिन्होंने भारत को ही अपने काम के लिए चुना औऱ फिलहाल देहरादून में एक लैब में रिसर्च कर रहे हैं।

10वीं क्लास में बनाया बायो सेल

बिहार की राजधानी पटना से 223 किलोमीटर दूर बसे ध्रुबगंज गांव से आने वाले गोपाल के लिए मुश्किलें कम नहीं रही। गोपाल ने साल 2014 में 10वीं पास की और इसी दौरान उन्होंने एक बायो सेल की खोज की जिसके लिए उन्हें इंस्पायर्ड अवार्ड से भी नवाजा गया था।

2017 में पीएम मोदी से हुई मुलाकात

गोपाल को उनके आविष्कारों के चलते साल 2017 में पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलने का मौका मिला जहां पीएम ने उन्हें प्रतिभा निखारने के लिए राष्ट्रीय नवप्रर्वतन प्रतिष्ठान अहमदाबाद (एनआईएफ) भेजा, जिसके बाद गोपाल ने वहां 6 आविष्कार किए।

देश में रहकर करना चाहते हैं काम

आज गोपाल दुनिया के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में शामिल है और वह आगे चलकर भी विदेश नहीं जाना चाहते बल्कि वह देश में रहकर ही रिसर्च वर्क करना चाहते हैं। वहीं गोपाल का एक सपना है कि वह झारखंड में आगे चलकर एक लैब विकसित करे।

एक नजर डालते हैं गोपाल के कुछ आविष्कारों पर….

1. हाइड्रो इलेक्ट्रिक बायो सेल जिसमें 50 हजार वोल्ट बिजली स्टोर कर सकते हैं।

2. पेपर बायो सेल जिससे वेस्ट पेपर से बिजली बना सकते हैं।

3. बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक जो कि केले के छिलके से बनाया गया है, काम में लेने के बाद अपने आप खाद बन जाता है।

4. बनाना नैनो फाइबर एंड क्रिस्टल जो भी केले के छिलके से बना नैनो फाइबर है, इसकी मदद से डाइपरी प्रोडक्ट और बुलेट प्रूफ जैकेट बनाए जा सकते हैं।

5. गोपालासका की मदद से न्यूक्लियर हमले से पैदा रेडिएशन कम किया जा सकेगा।

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