दिल्ली की गर्भवती डॉक्टर दीपिका अरोड़ा के वो आखिरी रोते हुए शब्द, कोरोना ने छीनी 2 जिंदगी

कोरोना माहमारी की इस दूसरी लहर ने देश में जो तबाही मचाई है वो सबके सामने है, इस त्रासदी में बहुत सारे लोग अपनों की जिंदगी हार गए है और कुछ अभी भी जं’ग लड़ रहे है और ये जं’ग तब तक चलती रहेगी जब तक इस माहमारी का खातमा ना हो जाये। देश में कोरोना माहमारी से हर तरह का तबका झूझ रहा है चाहे वो किसी भी क्षेत्र के ही क्यों ना हो, लेकिन इनमें जो सबसे ज्यादा क्षेत्र प्रभावित है वो है हमारे फ्रंटलाइन वारियर्स।

हमारे डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और जो भी मेडिकल के फील्ड से जुड़ा हो क्यों कि इन्ही की वजह से सब कुछ सम्भव है और ये हमारे फ्रंटलाइन वारियर्स यो’द्धा से कम नहीं है जो अपनी जान की फ़िक्र ना करते हुए दूसरो की जिंदगी बचाने के लिए बिना रुके बिना थके अपने प्रयास में लगे है ताकि किसी का भी परिवार ना उजड़े।

देश में बहुत सारे वीडियो वा’यर’ल हो रहा है जिनमें अभी अभी एक दिल्ली की गर्भवती डॉक्टर दीपिका अरोड़ा चावला का वा’यर’ल हो रहा जो अपनी जिंदगी की जंग कोरोना से हार गयी। वो पेशे से खुद एक डेंटिस्ट है। डॉक्टर दीपिका को 11 अप्रैल 2021 को कोरोना हुआ था, इस दौरान उन्होंने जीने के लिए और कोरोना को हराने के लिए बहुत हिम्मत जुटाई लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था और डॉक्टर दीपिका ने 26 अप्रैल 2021 को अपनी अंतिम सांस ली और जो बच्चा माँ की कोख में था माँ के साथ ही चला गया जो कि दिल को चूर चूर करदे ऐसा दर्द है जो हर किसी को अपनों की याद दिलाता है। डॉक्टर दीपिका अपने पीछे अपने 3 साल के बेटे और पति को छोड़ को भगवान के घर चली गयी।

वा’यर’ल वीडियो में जो उन्होंने कहा वो सबके लिए एक सबक और एक सन्देश जो वो सबको पुरे देश के लोगों को देना चाहती थी। 17 अप्रैल 2021 को उन्होंने जो रिकार्डेड वीडियो में कहा वो इस तरह था “मै सबको यह बताना चाहती हूँ जो मुझे जनता है, कोरोना को हल्के में ना ले, कोरोना बहुत बुरी बीमारी है और इसके लक्षण बहुत ही खतरनाक है। मै बोलने में असमर्थ हो रही हूँ लेकिन मै फिर भी अपना सन्देश सब लोगों तक पहुंचना चाहती हूँ। अपनों की सुरक्षा के लिए सब लोग मास्क पहने चाहे वो घर से बाहर जाये या घर के अंदर रहें।

मै नहीं चाहती कि ऐसे किसी के साथ भी हो, स्पेशली जब आप प्रेग्नेंट हो, इसके हल्के में मत लो और अपने मास्क पहन कर बाहर निकलो। आपके घर में बुजुर्ग, प्रेग्नेंट औरतों, बच्चों को सबको यह बीमारी बुरी तरीके से प्रभावित कर सकती है। मै जिंदगी में कभी नहीं हार नहीं मानने वाली हूँ, ना कभी इस तरीके से बैठने वाली हूँ, मै हमेशा काम करना चाहती हूँ, मै हमेशा भागना चाहती हूँ….” और फिर वो रोने लगती है जो शायद किसी से भी ना देखा जाये

डॉक्टर दीपिका अरोड़ा चावला के ये वो आखिरी शब्द थे जो वो सब लोगों तक संदेश के माध्यम से पहुंचना चाहती थी, वो एक यो’द्धा कि तरह इस लड़ाई को को लड़ती रही और वो इस दुनिया में नहीं रही लेकिन आप खुद अपने और अपने से जुड़े लोगों तक यह सन्देश पंहुचा सकते है ताकि कोई भी परिवार, कोई भी इंसान इस बीमारी से किसी भी अपनों को ना खोये।

इस पर आपकी क्या राय है, आप क्या सन्देश देना चाहते है कमेंट बॉक्स में जरूर बताइये ~ जय हिन्द

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