खुद व्हीलचेयर पर बैठ दुनिया को अपने टैलेंट से नचाते हिंदुस्तान के पहले दिव्यांग DJ वरुण खुल्लर

इंसान खुद से अगर हार जाए तो जिंदगी से भी हार जाता है। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए खुद में विश्वास बेहद जरूरी है। आज कहानी बताएगे डीजे वरुण खुल्लर की। वरुण खुल्लर जब 2014 में पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे, तो वह अपने दोस्तों के साथ घूमने मनाली चले गए। इस यात्रा के दौरान उनका ए’क्सी’डेंट हो गया, उन्होंने बताया कि सामने से आते ट्रक से बचने के चक्कर में गाड़ी सीधा 25 फीट नीचे खाई में जा गिरी।

इसके बाद उन्हें कुछ याद नहीं,वह बताते हैं कि मनाली के अस्पताल में ले जाया गया वहां से डॉक्टर ने दिल्ली रेफर कर दिया। दिल्ली में एंबुलेंस तक लाया गया और अस्पताल में भर्ती हो गया। अस्पताल में 2 महीने तक इलाज चलता रहा किसी ने मुझे कुछ नहीं बताया कि मेरे साथ क्या हुआ है। परिवार वाले भी सही से जवाब नहीं देते, खुद हिलने की कोशिश करता तो हिल नहीं पाता। इसके बाद मैंने हिम्मत करके डॉक्टर से खुद पूछा कि क्या मैं दोबारा खड़ा हो पाऊंगा,तो डॉक्टर ने जवाब दिया नहीं आप कभी चल नहीं पाएंगे क्योंकि आप की रीड की हड्डी में गहरी चोट है।

सुन कर के बहुत धक्का लगा, लेकिन फिर भी मैंने अपने आत्मविश्वास को गिरने नहीं दिया। अस्पताल से इलाज के बाद जब मैं घर पहुंचा तो बेड पर पूरे दिन लेटा रहता। किसी दूसरे का सहारा लेकर मुझे हर छोटे से छोटा काम करना पड़ता। लेकिन मेरे बचपन का एक शौक था वह था म्यूजिक सुनना म्यूजिक और बनाना। बस उस दौरान मैंने अपने इसी पैशन और इसी सपने को पूरा किया। 2 साल बाद जब मैं बेड से उठा तो व्हीलचेयर पर था, व्हीलचेयर से मैंने अपने सपने की ओर बढ़ना शुरू किया। मेरा शरीर का निचला लकवे से ग्रस्त है। इस वजह से मैं डिप्रेशन में भी चला गया था लेकिन मैंने उससे भी ऊपर उठकर अपने सपनों की उड़ान भरने की सोची।

3 साल का म्यूजिक प्रोडक्शन प्रोफेशनल कोर्स का सीखा म्यूजिक के बारे में पढ़ा व यूट्यूब पर देखा और फिर निकल पड़ा डीजे बनने की राह पर, शुरुआत में मुझे बहुत दौड़ भाग करनी पड़ी। कोई भी क्लब व अन्य जगहों पर मुझे डीजे के तौर पर मौका नही मिला। लोगों ने कहा कि डीजे वाला कैसे व्हीलचेयर पर डीजे चला पाएगा। लेकिन मैंने अपने विश्वास को बनाए रखा और मेहनत करता रहा। इसके बाद मुझे क्लब में डीजे बनने का मौका मिला। उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मेरे परिवार वाले चिंता करते लेकिन मैं उन्हें सिर्फ यह भरोसा दिलाता है कि एक दिन जरूर जिंदगी में कुछ अच्छा करूंगा। डीजे वरुण खुल्लर बताते हैं कि उनकी प्रेरणा डीजे सर पॉल जॉनसन है।

परेशानियों का सामना करना पड़ा : वह बताते हैं कि एक दिव्यांग होने के साथ उन्हें बहुत परेशानियां झेलनी पड़ी। सब कुछ पा लेना आसान नहीं होता। लेकिन जब वरुण को मौका मिला तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

कई बड़ी जगह कर चुके है परफॉर्म, और आगे बढ़ने की है इच्छा : वरुण खुल्लर किट्टी सू,ग्रीष्म उत्सव जैसी कई जगहों पर प्रस्तुति कर चुके हैं। अब वरुण चाहते हैं कि वह मैग्नेटिक फील्ड, टुमारोलैंड, यूएनएफ जैसी जगह पर भी अपनी प्रस्तुति दें। वरुण भारत के पहले दिव्यांग डीजे हैं और इस समय में दुनिया को अपने टैलेंट से नचा रहे हैं। वरुण बताते हैं कि जब वह डीजे चलाते हैं तो पार्टी में मौजूद हर व्यक्ति थिरकने को मजबूर हो जाता है। वरुण के आत्मविश्वास और उनकी मेहनत सच मे प्रेरणा के तौर पर लेनी चाहिए। व्यक्ति को जीवन में हार ना मान करके आगे बढ़ने की सोचनी चाहिए। जीवन में दुख के बाद सुख जरूर आते हैं।

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