दिल्ली किराड़ी विधानसभा के दिलचस्प तथ्य जहां बसता है यूपी और बिहार, बीजेपी-आप का 50-50 फार्मूला

देश की राजधानी के उत्तर पश्चिमी इलाके में आने वाला किराड़ी विधानसभा क्षेत्र दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है. बवाना विधानसभा में आने वाले किराड़ी इलाके को 2008 में किराड़ी विधानसभा के रूप में रिजर्व घोषित किया गया

वर्तमान में उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से यहां भाजपा के हंस राज हंस सांसद हैं एवं किराड़ी विधानसभा से वर्तमान विधायक आम आदमी पार्टी के ऋतुराज गोविंद है।

किराड़ी विधानसभा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां एक समय कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद यहां भाजपा ने वर्चस्व बढ़ाना शुरू कर दिया.

वहीं 2014  में इस लोकसभा क्षेत्र से उदित राज सांसद बने थे, जिसके बाद साल 2019 में अब भाजपा लौटी है. आइए एक नजर डालते हैं किराड़ी विधानसभा के चुनावी इतिहास से लेकर वर्तमान से जुड़ी हर एक छोटी जानकारी पर।

2009 में हुए थे पहली बार विधानसभा चुनाव

साल 2008 में किराड़ी के विधानसभा बनने के बाद 2009 में पहली बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए उस दौरान यहां कुल पुरुष मतदाताओं की संख्या 52466 थी तो वहीं महिलाओं वोटरों की संख्या 39201 थी।

वहीं इस विधानसभा से पहले चुनाव में कुल 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, हालांकि पहली बार इस सीट से सत्ता भाजपा अनिल झा के खाते में गई.

अनिल झा को उस दौरान 30,005 वोट मिले थे वहीं एनसीपी के पुष्पराज 20481 वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहे. इसके अलावा तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी से शबनम रही जिन्हें 15472 वोट में संतोष करना पड़ा. उस दौरान यहां कुल 57.94% मतदान हुआ था। इसके बाद साल 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा एक बार फिर सत्ता में लौटी और आप और कांग्रेस क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

2015 में चली आम आदमी पार्टी की लहर

2015 में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर कब्जा किया तो किराड़ी विधानसभा से भाजपा को मात देकर आप के ऋतुराज गोविंद 97527 कुल वोट लेकर विजयी हुए.

इसके बाद बीते साल हुए चुनावों में भी आप ने एक बार फिर वापसी की और ऋतुराज गोविंद विधायक चुने गए लेकिन इस बार आप और दूसरे नंबर पर रही भाजपा में जीत का अंतर केवल 5654 वोट का रहा. गौरतलब है कि आप प्रत्याशी ने साल 2015 में किराड़ी विधानसभा सीट से 45 हजार से ज्यादा मतों से जीतकर आई थी वहीं 2020 में यह अंतर केवल 5600 मतों पर सिमट गया.

किराड़ी के लोगों का रूझान देखें तो पता चलता है कि स्थानीय लोग दोनों पार्टियों के काम को परखना चाहते हैं इसी कारण अब तक हुए विधानसभा चुनावों में यहां 50-50 वाला फॉर्मूला देखने को मिला है.

कितना हैं वोट प्रतिशत

किराड़ी विधानसभा के वोटर्स की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल 31% ब्राह्मणों के वोट हैं। वहीं 20% मुस्लिम, एससी और ओबीसी कैटेगरी के 32%, वैश्य 10% और जाटों के 7% वोट हैं।

आइए अब किराड़ी इलाके को समझते हैं.

किराड़ी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख इलाकों की बात करें तो यहां प्रेम नगर प्रेम नगर-1, प्रेम नगर-2 व प्रेम नगर-3 के अलावा निठारी, इंद्र एनक्लेव, प्रताप विहार आदि इलाके हैं। किराड़ी इलाके में सालों से बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी रहते आए हैं. यहां की कॉलोनियां राजधानी की बड़ी कॉलोनियों में शुमार है।

क्या हैं स्थानीय लोगों की समस्याएं

किराड़ी विधानसभा में आने वाले इलाकों की समस्याओं की बात करें तो यहां किराड़ी रेलवे स्टेशन फाटक के पास अंडरपास और ब्रिज की मांग सालों से हो रही है.

वहीं किराड़ी विधानसभा में जल निकासी भी एक बड़ी समस्या है. यहां कई गलियों में बारिश के समय जलभराव हो जाता है. इसके अलावा किराड़ी विधानसभा में एक ब़ड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कमी है. हालांकि बीते 14 मार्च 2021 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां की 114 कॉनियों में सीवर डालने की योजना का उद्घाटन किया था।

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