दिल्ली MCD Election 2022 के लिए आरक्षित सीटों का आदेश हुआ जारी, देखें नए आदेश में क्या है बदला

Delhi MCD Election 2022 : राज्य चुनाव आयोग ने तीनों नगर निगम (पुर्वी, दक्षिणी और उत्तरी) की 272 सीटों के नए सिरे से आरक्षण की घोषणा कर दी है। मंगलवार को आदेश जारी किया गया जिसके अनुसार दक्षिणी निगम में 104 में से 15, उत्तरी निगम में 104 में से 20 और पूर्वी निगम में 64 में से 11 वर्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं।

ज्यादातर वार्ड का आरक्षण बदल गया है। वहीं, आरक्षित सीटों में भी काफी बदलाव किया गया है। वह सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई है जो पहले सामान्य थी।

निगम द्वारा किए गए इस बदलाव में अधिकतर वर्तमान पुरुष पार्षदों की सीट आरक्षण में चली गई है, या तो वो सीट महिला की हो गई है या फिर उसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। अब जब निगम ने सभी सीटों का आरक्षण तय कर दिया है तो अब इसी हिसाब से प्रत्याशी चुनाव में हिस्सा ले सकते है।

रोटेशन के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के महारथी नेताओं की सीट आरक्षित हो गई। ऐसे में उन नेताओं को फिर से चुनाव लड़ने के लिए नई सीट की तलाश करनी होगी।

यह सीटें है आरक्षित

दक्षिणी निगम

कुल सीट             सामान्य            महिला             अनुसूचित जाति           महिला (अनुसूचित जाति)

104                     44                   45                         8                                  7

उत्तरी निगम

कुल सीट             सामान्य            महिला             अनुसूचित जाति           महिला (अनुसूचित जाति) 

104                    42                   42                        10                                   10

पूर्वी निगम

कुल सीट             सामान्य            महिला             अनुसूचित जाति           महिला (अनुसूचित जाति) 

64                      26                   27                          5                                      6

महिलाओं को हुआ फायदा

इस बदलाव में महिलाओं को काफी फायदा हुआ है। क्योंकि ज्यादातर सीटों पर महिला आरक्षण हो गया है। उत्तरी निगम में पूर्व महापौर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, वर्तमान महापौर राजा इकबाल सिंह और पूर्व में महापौर जय प्रकाश एवं दक्षिणी निगम में वर्तमान महापौर मुकेश सुर्यान और पूर्व महापौर नरेंद्र चावला की सीट भी महिला आरक्षित हो गई है।

इस रोटेशन के बाद सामान्य सीट के मौजूदा पार्षद दूसरे वार्ड से लड़ने की कोशिश करेंगे। वहीं, कुछ पार्षदों की कोशिश यही होगी कि वह अपनी सीट को दूसरे व्यक्ति को न दे। यही कारण है कि राजनीतिक दलों के पार्षद अपने ही घर में सीट रखने की कोशिश करते हुए अपनी पत्नी या बहू – बेटी को चुनाव लड़ाने की तैयारी पहले ही शुरु कर चुके है।

 

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