जोधपुर : नॉन ट्रेडिशनल क्रॉप को उपजाने के ट्रेंड से भारत को काफी फायदा मिल रहा है। इसी तकनीकी के कारण अहमदाबाद,महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में अंजीर जैसे नॉन ट्रेडिशनल क्रॉप का उत्पादन किया जा रहा है। वही, अब इस तकनीकी को देखते हुए काजरी की ओर से मारवाड़ में भी अंजीर को उपजाया जा रहा है। पिछले सात महीने से पाली, जोधपुर एवं बाड़मेर में भी अंजीर को उपजाने की कोशिश की जा रही है।
काजरी (CAZRI) द्वारा अब तक 260 पौधे मंगाकर उगाए गए हैं। अगर इस उपज में सफलता हाथ लगती है तो यहां तुर्की, मोरक्को, इजिप्ट और अल्जीरिया जैसे देशों के फल भी यहां उगाए जा सकते है।
एक हेक्टेयर खेत में लगेंगे 850 – 1000 पौधे
काजरी के प्रिंसिपल वैज्ञानिक डॉ. अकथ सिंह ने बताया कि जून माह में अंजीर के प्लांट्स मंगवाकर ट्रायल शुरु किया गया था। उन्होंने बताया कि ये अंजीर दिखने में पारंपरिक अंजीर से कई बेहतर होते है। इस पीले रंग के फल का वजन लगभग 80 से लेकर 120 ग्राम होता है।
अकथ सिंह ने आगे बताया कि इस अंजीर की ड्राई वैल्यू का काफी महत्व है, क्योंकि जिस फल को सुखने के बाद इस्तेमाल किया जाए उसकी वैल्यू ज्यादा हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक हेक्टेयर के खेत में इस फल के 850 से 1000 पौधे लगाए जा सकते है। और प्रति हेक्टेयर से 8 से 10 टन की उपज की जा सकती है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एक हेक्टेयर खेत की अंजीर से करीब 4 लाख रुपए तक कमाए जा सकते है। क्योंकि प्रति किलो अंजीर 1000 से 1200 रुपए तक की कीमत में बिकता है।
किसानों की आय में हो सकती है वृद्धि
जोधपुर (Jodhpur) काजरी के डायरेक्टर डॉ. ओपी यादव ने बताया कि विदेशों के अलावा भारत में भी कई जगह जैसे – गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी अंजीर की उपज की जा रही है। वही, अब पश्चिमी राजस्थान में अंजीर की खेती होने की भी संभावना है। मारवाड़ में काजरी की शुरुआती परिणाम काफी सफल रहे ऐसे में भविष्य में किसानों की आय में निश्चित ही वृद्धि होगी।
मिनरल्स से भरपूर है ‘अंजीर’
अंजीर एक ऐसा फल है जिसके ड्राई होने के बाद भी उसमें मौजूद न्यूट्रीशियन बरकरार रहते है। ऐसे में यह फल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए काफी स्वास्थ्य कारक है। इस फल में सबसे ज्यादा मिनरल्स पाए जाते है, जिनमें कॉपर, विटामिन के, बी6, बी2, मैग्नीशियम, पोटेशियम,आयरन एवं फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते है।