गुजरात के कार्तिक जेवाणी ने तीसरी बार पास किया यूपीएससी,आईपीएस से आईएएस तक का सफर किया तय

यूपीएससी को भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा में हर साल कई लाखों बच्चे अपनी किस्मत को आजमाते हैं। इनमें से कुछ बच्चे ही परीक्षा को पास कर भारत के उच्च पदों पर बैठ पाते हैं। लेकिन इस परीक्षा को एक दो नहीं तीन बार पास करने वाले कार्तिक जीवाणी की कहानी आज हम आपको बताएंगे। गुजरात के सूरत वारछा के निवासी कार्तिक जीवाणी ने 2020 यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया आठवीं रैंक हासिल की है। इसी के साथ उन्होंने तीसरी बार इस परीक्षा में सफलता हासिल कर गुजरात के सर्वोच्च रैंक धाराक व साथ-साथ भारत में भी इतिहास रच दिया है।

इंजीनियरिंग से आईएएस तक किया सफर तय

कार्तिक जीवाणी ने 12वीं कक्षा के बाद जेईई की परीक्षाओं को क्लियर किया। कार्तिक ने फिर आईआईटी मुंबई (IIT Mumbai) में दाखिला लिया। अपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) के आखिरी साल में उन्होंने सिविल परीक्षा देने का मन बनाया और तैयारी करना शुरू कर दिया। लेकिन कार्तिक अपने पहले प्रयास में असफल हो गए और उन्होंने अपनी असफलता कमी देखी और उस पर काम करना शुरू दिया। उनकी कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने एक के बाद एक तीन बार यूपीएससी में सफलता हासिल की।

kartik jevani ias

आईएएस बनने का था सपना

कार्तिक जीवाणी ने साल 2017 में अपना पहला प्रयास दिया था, उसमें वह असफल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 94वी रैंक (AIR 94) हासिल की थी। इसके बाद अपने दूसरे प्रयास में कार्तिक जीवाणी ने 84 रैंक (AIR 84) हासिल की थी। कार्तिक आईएएस बनने से केवल 2 रैंक पीछे रह गए थे। उनका चयन आईपीएस के लिए हुआ था। इसके बाद कार्तिक ने खुद को 2 साल के लिए किताबों में समर्पित कर दिया और आईएएस बनने के सपने को पूरा करना शुरू किया। अब साल 2020 में कार्तिक ने 8वीं रैंक (AIR 8) हासिल करके आईएएस बनने के सपने को पूरा कर लिया है।

क्या कहते है कार्तिक

कार्तिक कहते हैं कि मेहनत के साथ स्मार्ट होना जरूरी है। सब कुछ पढ़ने की बजाए क्या नहीं पढ़ना है इस पर ज्यादा जोर देना चाहिए। वह कहते हैं कि किताबों के साथ-साथ अन्य सोर्सेस पर भी ध्यान देना चाहिए। यूपीएससी के लिए डिसिप्लिन होकर पढ़ाई करना जरूरी है। कार्तिक कहते हैं कि 8 से 10 घंटे पढ़ाई करना जरूरी है और जिन विषयों में आपकी रूचि हो उनको पहले करना चाहिए। बिना रूचि वाले विषयों के फैक्ट पढ़कर विषय में रुचि बनाई जा सकती है।

ias kartik

अन्य परीक्षाओं में भी हुआ चयन

कार्तिक जीवाणी शिक्षा की बात करे तो उन्होंने पीवी सवानी और रयान इंटरनेशनल (Riyan International School) स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग (Engineering) करने का फैसला लिया। उनके पिता डॉक्टर एन.डी जीवाणी उनके गांव में लेब्रोटरी चलाते हैं। कार्तिक की बात करें तो यूपीएससी के अलावा उन्होंने इंडियन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट (Indian Forest Department) में तीसरी और इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (Indian Engineering Services) 101वी रैंक हासिल की थी। वे कहते हैं कि कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी करना बेहद जरूरी है। इंटरनेट को सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है, उससे बेहद मदद मिलती है। कार्तिक कहते हैं कि सोशल मीडिया पर कई ऐसे ग्रुप है जो यूपीएससी की तैयारी कराने में आपकी मदद करते हैं,उनसे भी जुड़ कर मदद ली जा सकती है। वही वह कहते है कि खुद की क्षमता के अनुसार रणनीति बनाकर और उस पर अमल किया जाए तक यूपीएससी की परीक्षा को पास किया जा सकता है।

Add Comment

   
    >