बेटा उतारना चाहता था मजदूर पिता का कर्ज, आज मेहनत से खड़ी कर दी 70 हज़ार करोड़ की कम्पनी

अगर आपके मन में कुछ कर दिखाने का हौंसला हो और मन में मंजिल को पाने का विश्वास हो तो कोई भी सफर तय करना मुश्किल नहीं है। आप बस अपने काम में लगे रहिए मेहनत आपके कदम चूमने खुद आएगी। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताएंगे जिन्होंने अपने हौंसले और मेहनत के बूते पर अपनी कंपनी को 70 हजार करोड़ रुपए के कैपिटल तक पहुंचा दिया है। हम बात कर रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी प्रोटोकॉल के को-फाउंडर और सीईओ जयंत कनानी  की जिन्होंने विपरीत हालातों में अपना मुकाम हासिल किया।

पिता का कर्जा उतारने के लिए की नौकरी

गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले जयंत कनानी के पिता एक डायमंड फैक्टरी में काम करते थे। पिता की तनख्वाह ज्यादा नहीं थी इसलिए उन्होंने कई तरह के कर्ज ले रखे थे, जयंत बचपन से चाहते थे कि वह कैसे भी करके एक दिन अपने पिता का कर्ज उतार देंगे।

जयंत ने अभावों के बीच अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर बेहद मुश्किलों का सामना करते हुए इंजीनियरिंग की डिग्री ली। डिग्री के बाद अब वह नौकरी के लिए प्रयास करने लगे लेकिन काफी मेहनत करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली। काफी दिनों तक भटकने के बाद जयंत ने आखिर अपनी क्रिप्टो फर्म की शुरुआत की जिसका जलवा आज पूरा देश देख रहा है।

दो दोस्तों के साथ मिलकर क्रिप्टो फर्म की शुरुआत

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जयंत ने अपनी फर्म की शुरूआत दो दोस्तों संदीप नैलवाल और अनुराग अर्जुन के साथ मिलकर की। आज की तारीख में यह तीनों युव देश के पहले क्रिप्‍टो-अरबपति हैं। इन तीनों की क्रिप्टोकरेंसी पॉलीगॉन पिछले हफ्ते मार्केट कैप के लिहाज से 10 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल कर चुकी है। इसके साथ ही पॉलीगॉन दुनिया के टॉप 20 क्रिप्टोकरेंसी की लिस्ट में आ गया है।

कैसे आया फर्म शुरु करने का विचार

बता दें कि मैटिक क्रिप्टो फार्म की स्थापना 2017 में तीन युवाओं ने की इसके बाद इसका नाम बदलकर पॉलीगन कर दिया गया जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम में लेन-देन करती है। वहीं पॉलीगॉन में अमेरिकी अरबपति उद्यमी मार्क क्‍युबन ने भी पॉलीगॉन में निवेश किया है।

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