अब जल्द हट सकते है वाहनों पर लगे हुए फास्टैग! अब आएगी GPS प्रणाली? ~ सीधे बैंक से कटेंगे पैसे

नई दिल्ली: संसदीय समिति द्वारा टोल टैक्स की वसूली पर वाहनों से फास्टैग (FasTag) हटाने की मांग की गई है। खबर है कि, आने वाले दिनों में वाहन टोल जीपीएस (GPS) के माध्यम से सीधे बैंक अकाउंट (Bank Account) से काट लिए जाएंगे। समिति के अनुसार, यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी रहेगी जिनको फास्टैग को ऑनलाइन रिचार्ज करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा इस निर्देश को लागू करने की मंजूरी मिल चुकी है।

संसदीय स्थायी समिति अध्यक्ष टीजी वेंकटेश ने बुधवार को परिवहन और पर्यटन पर एक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार टोल वसूली के लिए जीपीएस आधारित प्रणाली (GPS Based Toll Collection System) लागू करेगी। यह एक सराहनीय कार्य है। इसके अलावा, देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा (जो राजमार्ग परियोजना की लागत का हिस्सा है) का निर्माण नहीं करना होगा। सरकार ने कहा है कि टोल बढ़ाने से परियोजना की लागत बढ़ जाती है।

जीपीएस तकनीक से जुड़ेगा भारत

जीपीएस तकनीक की मदद् से देश भर के टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर अरबों यात्रियों की बचत हो सकेगी। इस से यात्रा में समय भी कम लगेगा और लोग समय पर पहुंच सकेंगे। समिति ने मांग करते हुए कहा कि, जीपीएस से जुड़ें टोल टैक्स संग्रह को इस तरह से डिजाइन किया जाऐं कि टोल का पैसा सीधे यात्री के बैंक खाते से कट जाए। इस तरह वाहनों में फास्टैग की जरूरत ही खत्म हो जाऐगी।

सलाहकार की मदद से तैयार किया जाएगा रोड मैप

समिति की इस मांग पर केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, जीपीएस टोल टैक्स प्रणाली के काम के लिए सलाहकारों को काम पर रखने की प्रक्रिया जारी हैं। साथ ही, केंद्र सरकार ने कहा कि सलाहकार की सलाह पर देश भर में जीपीएस सिस्टम को लागू करने के लिए एक रोडमैप (Roadmap) तैयार किया जाएगा।

फास्टैग स्कैन करने में होती है परेशानी

जानकारी के लिए बता दें, गाड़ी की विंडशील्ड पर फास्टैग होना अनिवार्य है, नहीं तो यात्रियों को दोगुना टोल भरना पड़ता है। अक्सर ये देखा गया हैं कि टोल प्लाजा पर लगे सेंसर फास्टैग को स्कैन नहीं कर पाता और यात्रियों को दोगुना टैक्स देना पड़ता है फिर टोल चुकाने के कुछ ही घंटे बाद फास्टैग से ऑटोमेटिक टोल कटौती के कई मामले सामने आऐ हैं। जिस कारण कई बार विवाद भी खड़ा हुआ हैं। एनएचएआई प्रवक्ता प्रवीण त्यागी का कहना हैं कि विभाग इस पर काम कर रहा है।

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