आखिर क्यों बना 5G विमानों के लिए ख’तरा? जानिए किन-किन जोखिमों से गुजरेगा एयरलाइन्स

अमेरिका (America) में लॉन्च हुई 5G सेवाओं ने एयर इंडिया का खतरा बढ़ा दिया है। नतीजा ये हुआ कि एयर इंडिया (Air India) ने अमेरिका के लिए अपनी उड़ानों में कटौती कर दी है। एयर इंडिया से पहले कई अमेरिकी एयरलाइंस भी 5G की लॉन्चिंग के खिलाफ थे क्योंकि इससे एयरलाइंस पर असर पड़ रहा था।

आखिर 5G टेक्नोलॉजी से विमानों को क्या है दिक्कत?

19 फरवरी को अमेरिका में वेरिजोन और एटीएंडटी ने 5G लॉन्च किया है, लेकिन एविएशन कंपनियों के विरोध को देखते हुए वेरिजोन और एटीएंडटी ने एयरपोर्ट के आसपास 5G सेवाओं को फिलहाल के लिए रोक दिया है। 5G सेवाओं के कारण बुधवार को एयर इंडिया, दुबई एमिरेट्स और जापान एयरलाइंस के साथ – साथ कई कंपनियों ने अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स को रद्द कर दिया था। लेकिन लॉन्चिंग टाले जाने से अब इन कंपनियों ने दोबारा उड़ाने भरना शुरु कर दिया है।

दरअसल, अमेरिका में सिविल एविएशन को रेगुलेट करने वाली एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के साथ – साथ ऐसी 10 कंपनियों ने 5G सेवाओं के दौरान विमानों को खतरा होने की संभावना जताई है।

ऐसा बताया जा रहा है कि, 5G सेवाओं की लॉन्च होने के कारण विमानों की ऊंचाई को मापने वाले अल्टीमीटर पर असर पड़ सकता है। जिससे हवा में दो विमानों के टकराने का खतरा है। दरअसल, जैसे रोड पर गाड़ियो के दाएं – बाएं होने से ट्रैफिक को नियंत्रण किया जाता है उसी तरह हवा में विमान को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिली सूचना की वजह से दो विमानों को आपस में टकराने से बचाया जाता है। लेकिन 5G सेवाओं के कारण जमीन से ऊंचाई के बारे में बताने वाले अल्टीमीटर डेटा पर असर पड़ने से ये जानकारी विमानों तक नहीं पहुंच पाएगी।

फ्लाइट्स रद्द होने से हुआ अरबों का नुकसान

अमेरिका में 5G सेवाओं के शुरु होने पर यूनाइटेड एयरलाइंस CEO स्कॉट किर्बी ने पिछले महीने कहा था कि 5G सेवाओं के कारण कम से कम 40 बड़े एयरपोर्ट पर रेडियो अल्टीमीटर का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। जिसकी वजह से रोजाना 1000 फ्लाइट्स कैंसिल, डाइवर्ट या लेट होंगी। इसके मुताबिक देखा जाए अमेरिकी एविएशन इंडस्ट्री और यात्रियों को हर साल करीब 12 हजार करोड़ रुपए के नुकसान होने की संभावना है।

दुनिया के कई देश कर रहे है 5G का यूज

अमेरिका में भले ही 5G नेटवर्क को लेकर बड़ा मुद्दा बन गया है, लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश है जहां 5G का इस्तेमाल किया जा रहा है वो भी बिना विमानों को कोई नुकसान पहुंचाए। आज यूरोप के 27 देशों में 5G नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आज विमानों की उड़ानों को लेकर ऐसी कोई समस्या सामने नहीं आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये देश अमेरिका की तुलना में कम फ्रीक्वेंसी वाले 5G नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह फ्रांस में भी अमेरिका की तुलना में कम 5G पावर लेवल का इस्तेमाल किया जाता है।

क्या भारत पर भी पड़ेगा 5G का असर ?

भारत में भी अगले कुछ महीनों में 5G का ट्रायल शुरु होने वाला है। हालांकि ऐसा मानना है कि अगर भारत में इस तरह की कोई दिक्कत आती है तो सरकार फ्रांस की तरह एयरपोर्ट के आसपास बफर जोन बनाने और यूरोपीय देशों की तरह कम फ्रीक्वेंसी वाली 5G सेवाओं का इस्तेमाल करेगी।

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