आपकी जिंदगी की 5 ऐसी चीजें जिन्हें कचरा समझ के फेंक देते, ऑनलाइन वेबसाइट उन्हीं से कमाती करोड़ों

हम अक्सर अपने घर में कुछ ऐसी चीजें देखते है जिसकी हमारी नजरों में कोई कीमत नहीं होती, क्योंकि हमें लगता है कि यह चीजें किसी काम की नहीं है। हममें से कुछ लोग तो ऐसी चीजों का इस्तेमाल कर लेते है लेकिन कुछ लोग इसे बेकार समझ कचरे में डाल देते है। लेकिन क्या आपको पता है जो सामान आप कचरे में फेंक देते है। उनका दाम आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चौंका देने वाला है।

तो चलिए जान लेते है क्या है वो 5 चीजें जो हमारे घर में तो कचरे के डब्बे में पड़ा है, लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर यह महंगे दामों में बिक रहा है।

चूल्हे की राख

चूल्हें पर खाना बनाने व सर्दियों में आग जलाने के बाद बचने वाली राख तो हम सबने देखी होगी। लेकिन क्या आपको पता है जिस राख को आप कचरा समझ फेंक देते है वो राख आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में 1000 रुपये में बिक रही है। वैसे देखा जाए तो इस राख का इस्तेमाल आज भी गांव में बर्तन धोने के लिए किया जाता है। क्योंकि इससे बर्तन काफी अच्छे से साफ होते है। लेकिन अगर हम लोग इसे खरीदना चाहे तो हमें यह ऑनलाइन साइट्स पर यह राख ‘डिश वाशिंग ऐश पाउडर’ के नाम से लगभग 1000 रुपये की पड़ेगी। अगर विश्वास न हो तो खुद देख लिजिए।

चूल्हे की राख के क्या है फायदे?

ऑनलाइन साइट्स पर बिकने वाले इन महंगे राख को बर्तन धोने के लिए कारगर बताने के साथ – साथ पौधों के लिए भी एक बेहतर उर्वरक बताया गया है। इसे बर्तनों के लिए कारगर इसलिए बताया गया है, क्योंकि इसमें कार्बन होता है। जिससे न सिर्फ बर्तन में लगे तेल और निशान साफ होते है बल्कि यह बर्तन को चमकाने में भी काफी मदद करता है। इसके अलावा राख में पोटेशियम पाया जाता है इसलिए इसका उर्वरक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।

गोबर के उपले

गांव के रहने वाले लोगों को गोबर के उपले का इस्तेमाल कैसे करना है यह बहुत अच्छे से पता है। ग्रामीण लोग गाय भैंस पालते है और उनके गोबर को खेतों में उर्वरक के रुप में इस्तेमाल करते है। लेकिन अगर शहरी लोगों को इसका इस्तेमाल करना हो तो इसके लिए उन्हें काफी महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि जिन उपलो को हम साधारण समझते है वहीं, उपले ऑनलाइन साइट्स पर 2100 रुपये में मिलते है।

क्या होते है गोबर के उपले के फायदे

वैज्ञानिकों की माने तो गाय के गोबर में विटामिन बी – 12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वहीं, गाय के उपले से धुंआ करने से कीटाणु, मच्छर आदि भाग जाते है इसी के साथ इस धुएं से दुर्गंध भी चली जाती है। पहले के समय में आपने देखा होगा कि मकानों की दीवारों और जमीन को गाय के गोबर से लीपा – पोता जाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था क्योंकि गोबर से दीवारों को मजबूती मिलने के साथ – साथ घरों के आस – पास मच्छर और कीटाणु भी नहीं आते थे। गोबर की मदद से चूल्हे भी बनाए जाते है एवं यह गोबर मंगल कार्यों में भी प्रयोग किए जाते है।

नारियल की शेल

नारियल तो हम सब ने कभी न कभी खाए होंगे और खाने के लिए उसे छीला भी होगा। लेकिन नारियल को छिलने के बाद आपने कभी इसके शेल को संभाल कर रखा है? आप कहेंगे की कचरे को क्या संभालना। लेकिन अगर आपको यह पता चले यही कचरा ऑनलाइन साइट्स पर लगभग 679 रुपये का मिलता है तो आप अभी इसे कचरे के डिब्बे से निकाल ले। जी हां, जिस नारियल के शेल को हम कचरा समझ कर फेंक देते है। वही शेल ऑनलाइन साइट्स पर 1.5 किलो शेल 679 रुपये का बेचा जाता है।

नारियल की शेल से क्या फायदा होता है?

नारियल की शेल में पौधे उगाने में दोहरा लाभ मिलता है। यह हमारे पर्यावरण के लिए काफी लाभदायक है।

मिट्टी

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आप घर में झाड़ू तो लगाते होंगे। घर में जमा हुई मिट्टी को आप साफ कर देते है। लेकिन क्या आपको पता है जिस मिट्टी को आप झाड़ू लगाकर फेंक देते है उसी मिट्टी को ऑनलाइन साइट्स पर 250 रुपये में बेचा जाता है।

मिट्टी के क्या फायदे होते है?

मिट्टी तो वैसे कई प्रकार की होती है और सबके अपने – अपने अलग फायदे भी है। जैसे की – काली मीट्टी खुले हुए रोगों के लिए लाभकारी है। चर्म रोगों के लिए भी मिट्टी का उपयोग किया जाता है। वैसे ही चिकनी या धुली मिट्टी अंदरुनी सूजन में सबसे ज्यादा फायदेमंद है और मुल्तानी मिट्टी कितनी लाभदायक है इस सच से कोई परे नहीं है।

चारपाई

क्या आपको पता है कि गांव घरों में आसानी से दिखने वाली चारपाई कि कीमत ऑनलाइन कितनी है? जान लेंगे तो हैरान हो जाएंगे। इस चारपाई की कीमत 23000 रुपये है। जिसकी हमारी नजरो में 1 रुपये की भी कीमत नहीं है उसका दाम आसमान छु लेने वाला है

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