पति की मौत के बाद वकालत छोड़ देशसेवा का देखा सपना, दिन-रात एक कर बनी फ्लाइंग ऑफिसर

आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताएंगे जिनकी मेहनत और लगन हम सभी को प्रेरित करती है। हम बात कर रहे हैं फ्लाइंग ऑफिसर राधा चरक की जो अपने पति को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय वायु सेना में शामिल हुई।

जम्मू कश्मीर से 25 किलोमीटर दूर बड़ी बहरामना के समेलपुर गांव की रहने वाली राधा चरक की 2015 में शादी एयरफोर्स के नॉन कमांडेंट अफसर बूटा सिंह मन्हास से हुई थी। 2018 में उनके पति बूटा सिंह की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई थी, जिसके बाद राधा को गहरा आघात लगा।

पहले प्रयास में हो गई थी असफल

राधा ने वायु सेना के एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन किया जिसके बाद पहले प्रयास में वह नाकाम हो गई, लेकिन साल 2018 में स्क्रीनिंग टेस्ट में सफल होने के बाद उन्होंने तैयारी करना शुरू कर दिया।

वह बताती हैं कि दिन में वह न्यायालय में जाकर प्रैक्टिस करती और रात में आकर के परीक्षा की तैयारी करती थी। उनकी मेहनत और लगन साल 2019 में रंग लाई और इस साल राधा चरक ने एसएसबी परीक्षा में सफलता हासिल की।

परीक्षा में पास होने के बाद उन्होंने हैदराबाद के ट्रेनिंग कैंप जाकर ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। बीते साल 18 दिसंबर को उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली थी । इस समय वह भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग अफसर के पद पर कार्यरत है। चंडीगढ़ में उनकी पहली पोस्टिंग हो गई है।

बेटी को सैल्यूट करने लगा परिवार

राधा बताती हैं कि जब वह अपनी ट्रेनिंग पूरी करके अपने घर लौटी तब उनका पूरा परिवार बेहद खुश हुआ। परिवार ने अपनी बेटी को टीका लगाकर गांव में स्वागत किया। इसके बाद पूरे परिवार ने मिठाई बांटकर की खुशियां मनाई थी।

आगे राधा बताती हैं कि उनके पिता और उनके परिवार वालों ने उन्हें भारतीय वायु सेना की वर्दी में देखकर उन्हें सेल्यूट किया। राधा उस पल को याद करते हुए कहती हैं कि उन्हें बहुत गर्व हुआ था कि वह भारत की वायुसेना का हिस्सा बन चुकी है।

परिवार का सेना से है पुराना नाता

राधा अपने परिवार में पहली अफसर नहीं थी जो वायु सेना में शामिल हुई है। हमने आपको पहले भी बताया कि उनके पति बूटा सिंह मन्हास भी भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे। इसके अलावा राधा के पिता तरेसस सिंह चरक भी एक रिटायर्ड फौजी हैं। वहीं राधा के नाना भी आर्मी में अफसर पद पर कार्यरत थे।

राधा चरक की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा है कि आखिर पति की अचानक मौत के बाद उन्होंने वकालत छोड़ कर के सेना की ओर रुख किया। अपने पति को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने पूरी मेहनत और लगन से भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर अपने परिवार का नाम रोशन किया।

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