एक शिक्षक की अनोखी पहल, मंदिर के लाउडस्‍पीकर से करवाते गरीब बच्‍चों की पढ़ाई पेश की नई मिसाल

एक और जहां कोरोनावायरस के चलते पिछले 2 वर्षों से भारत के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल बंद है। इसकी वजह से बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है। सरकार ने बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस की योजना शुरू की थी। लेकिन सभी लोगों तक ऑनलाइन शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है, असमर्थ बच्चे और उनके माता-पिता बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज लेने के लिए समर्थ नहीं है।

ऐसे में झारखंड के बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड में पपलो पंचायत के अंतर्गत जुनेरी गांव के शिक्षक भीम महतो ने बच्चों को पढ़ाने के लिए एक अनोखे तरीके की खोज की है। शिक्षक भीम महतो बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव में लगे शिव मंदिर के लाउडस्पीकर का प्रयोग करके बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

मन्दिर के लाउडस्पीकर का बढ़िया प्रयोग

कोरोनावायरस के चलते जहां एक और स्कूल बंद है। इसी के चलते शिक्षक भीम महतो ने बच्चों को पढ़ाने का अनोखा तरीका निकाला। उन्होंने गांव के लगे शिव मंदिर के लाउडस्पीकर की मदद से बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू किया। साथ ही शिक्षक महतो ने गांव के सभी चौराहों पर हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला के पोस्टर भी चिपकाए। सब्जियों के नाम, फल के नाम, जानवरों के नाम इस तरीके के पोस्टर भी भीम महतो ने बच्चों की पढ़ाई करने के लिए लगाए। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक महतो मंदिर परिसर में लाउडस्पीकर से वर्णमाला को दोहराते हैं। जिसके बाद बच्चे लगे हुए पोस्टर को देखकर भीम महतो के साथ दोहरा कर पढ़ते और लिखते हैं।

बढ़ाया अभियान, 60 बच्चो को पढ़ाते है भीम महतो

राजकीय मध्य विद्यालय जूनोरी के शिक्षक भीम महतो ने घटियारी पंचायत के मंगलडाडी गांव के मल्हार परिवार के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने जब देखा कि अन्य बच्चे भी पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं। तब उन्होंने अपने इस तरीके को और थोड़ा बढ़ाकर ज्यादा बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू किया। भीम महतो जब बच्चों को लाउडस्पीकर से पढ़ाते हैं, तब बच्चे अपने घर पर बैठकर पढ़ाई कर पाते हैं।

खुद की तरफ से अन्य मदद

वही हम आपको बताएं तो भीम महतो बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपनी तरफ से कॉपी, पैन, मास्क, सैनिटाइजर और खाने के लिए बिस्किट भी देते हैं। साथ ही बच्चों के माता-पिता को भी साड़ी, शॉल समेत कई अन्य चीजें भेंट करते हैं।

भीम महतो कहते हैं कि समाज के हित के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं। बच्चों की पढ़ाई बंद है, ऐसे में बच्चों को पढ़ाना जरूरी है। वह कहते हैं कि उन्होंने चौराहे पर पोस्टर इसलिए लगवाए हैं कि बच्चे खेलते कूदते उस चीज को दोहरा सके और खेल खेल में उनकी पढ़ाई भी हो जाए। भीम महतो कहते हैं कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान उनकी ड्यूटी लगी हुई है। लेकिन उस ड्यूटी से समय निकालकर बच्चों को रोजाना 1 से 2 घंटा पढ़ाते हैं। शिक्षक भीम महतो कहते हैं कि उनको बच्चों को पढ़ाने में सबसे ज्यादा आनंद आता है। गांव वालों का भी इस चीज में बहुत सहयोग मिल रहा है।

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