‘एम्बुलेंस ऑटोवाला’ बना कोरोना काल का मसीहा, फ्री में मरीजों को पहुंचाता है हॉस्पिटल

किसी की मदद करने के लिए यह जरूरी नहीं कि आप आर्थिक रूप से मजबूत हों, अगर आप दिल से किसी के लिए हाथ बढ़ाना चाहते हैं तो दुनिया आपकी मदद करने के लिए तैयार खड़ी मिलेगी।

रांची का एक नौजवान ऑटो चालक इन दिनों हर किसी को यही संदेश दे रहा है कि मदद करने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए। आइए जानते हैं इस ऑटो चालक की कहानी।

कोरोना महामारी के दौरान चर्चा में आए रवि अग्रवाल उन दिनों मरीज़ों को अपने ऑटो से अस्पताल तक पहुंचाने का काम करते थे जिसकी कीमत सिर्फ वो इंसानियत समझते हैं.

घर में अकेले कमाने वाले हैं रवि

रांची के रहने वाले रवि अग्रवाल यादव कॉलेज से बीकॉम थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। रवि के घर में चार लोग हैं. ऑटो चलाने के अलावा रवि समय मिलने पर अखबार भी बांटते हैं।

रवि कहते हैं कि वह बहुत कम उम्र से ही अपनी शिक्षा का खर्चा उठा रहे हैं। इसके अलावा ऑटो चलाने के पीछे पहले कारण यही था कि घर में वह अकेले कमाने वाले हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि रवि ने दसवीं में 84% नंबर हासि किए वहीं 12वीं में फ़र्स्ट डिवीजन से पास हुए।

निशुल्क ऑटो क्यों चलाते हैं?

रवि एक पुराना वाकया याद करते हुए कहते हैं कि 15 अप्रैल को वह लालपुर चौक पर सवारियों का इंतजार करने के दौरान उन्होंने दो महिलाओं को देखा जो काफी देर तक ऑटो रोक रही थी लेकिन कोरोना के डर से उन्हें कोई ऑटो में नहीं बैठा रहा था। ये देखकर रवि ने उनकी मदद की और अपने ऑटो से वह बिना पैसे लिए छोड़कर आए।

रवि आगे बताते हैं कि उन महिलाओं को छोड़ने के बाद मेरे दिमाग में ऐसे अन्य लोगों का भी ख्याल आया जो परेशानी से गुजर रहे होंगे।  काफी देर सोचने के बाद रवि ने निशुल्क ऑटो चलाने का फैसला किया।

इसके बाद रवि रोज तीन से चार मरीजों की मदद करते थे। कोरोनाकाल में रवि ने 100 से ज्यादा लोगों की मदद की इस दौरान कितने ही ऐसे लोग थे जिनकी जान रवि ने बचाई, रवि कहते हैं कि वो लोगों की मदद करके रात को चैन की नींद सो पाते हैं।

रवि ने आगे यह भी बताया कि अपने ऑटो का खर्च पूरा करने के लिए वह एक कंपनी में पानी की लोडिंग का काम करते हैं जिससे उन्हें कुछ कमाई हो जाती है।

रवि की पहल से आया बड़ा बदलाव

रवि की लोगों की मदद करने की पहल से प्रभावित होकर काफी बदलाव देखा गया है। अब शहर में कोरोना मरीजों की मदद के लिए मेयर ने 9 अन्य एंबुलेंस चलाई गई है और आने वाले समय में ऑटो एंबुलेंस चलाने का भी प्रस्ताव है।

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