सड़क के किनारे हरे-पीले रंग के पत्थर क्यों लगे होते हैं, क्या आप जानते हैं इनका मतलब ?

आपने हम कभी लंबे सफर पर निकलते हैं तो दूरी का पता लगाने के लिए गूगल मैप के अलावा सड़कों पर भी झांकते हैं। हम देखते हैं कि सड़कों पर कुछ पत्थर लगे रहते हैं जिन पर आगे आने वाले शहर या गांव का नाम और उसकी वहां से दूरी लिखी होती है।

अब आप सोच रहे होंगे इसमें कौनसी नई बात है, यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि ये पत्थर अलग-अलग रंगों के होते हैं। आखिर सड़क पर लगे इन पत्थरों को अलग-अलग रंग से रंगने के क्या मायने हैं, आइए आगे समझाते हैं।

इन पत्थरों को माइलस्टोन कहा जाता है और इनके रंगों से हाइवे का प्रकार तय होता है।

1. अगर आप नेशनल हाइवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको सड़क किनारे पर पीले रंग का माइलस्टोन लगा दिखाई देगा। एनएच की देखरेख नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया करती है।

2. अगर सड़क किनारे लगा माइलस्टोन हरे रंग का हो आप स्टेट हाइवे पर यात्रा कर रहे हैं जो राज्य सरकारों के अधीन आता है।

इसके अलावा सफ़ेद या काले रंग के माइलस्टोन भी लगे होते हैं जो छोटी सड़के जिला प्रशासन के अधीन होती है। वहीं अगर आपको किसी सड़क पर नारंगी रंग का माइलस्टोन दिखे तो इसका मतलब आप प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़क पर यात्रा कर रहे हैं।

अब जानिए राष्ट्रीय राजमार्ग यानि नेशनल हाइवे किसे कहते हैं ?

नेशनल हाइवे मुख्य रूप से लंबी दूरी की सड़कें होती है जो दो लाइनों में बंटी होती है लेकिन कुछ राज्यों में 4 से 6 लेन भी बनाई गई है , भारत के राजमार्गों की कुल दूरी 4754000 किमी है और राजमार्गों की लंबाई कुल सड़कों का मात्र 2 फीसद हिस्सा है जो कुल ट्रैफिक का 40 फीसद भार उठाते हैं।

हाइवे के नंबर कैसे तय किए जाते हैं?

उत्तर से दक्षिण जाने वाले हाइवे की संख्या सम में होती है और सभी पूर्व से पश्चिम की ओर जाने वाले हाइवे के लिए विषम संख्या का इस्तेमाल होता है. उदाहरण के लिए अगर किसी हाइवे की संख्या 344 है तो इसका मतलब है कि उस हाइवे की 44 शाखाएं हैं.

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