धाट री लता मंगेशकर री कहाणी जकी संगीत रै आखै जग में बणायी ठावी पै’छाण

मिनख कद बोलणौ सरू करयौ अर कद गा’णौ ओ बताणौ दोरौ काम है।संगीत आखै जग में चाव सूं सूणिजै फेर वा पोप हो या फेर सिंध रै अमराणै रो रायचंद, सागै बात।बस लोक रा न्यारा-न्यारा अरथ बदल ज्यावै।आं सब रै बीच स्सै सूं बडी बात हुवै संगीतकार रो ले’जौ के वा संगीत नैं किण भांत ले ज्यावै अर किण भांत उण री उठापटक करै। सिंध रो नाम आतै ई एक बात जकौ महताऊ है वा याद आवै- सिंध रो उपजाऊपण।

पूंगळ रा पूर्व महाराजा आपरी एक हथाई में बतावै के म्हारै गैंहू तकातक सिंध सूं आवता अर बडेरा बरस में घणाकरा बठै ई रेवता।ओ ई सिंध संगीत मांय भी उरवर रेयौ।इणी सिंध री धरती में शाह लतीफ भिटाई जेडा़ शायरां रो जलम हुयौ जकै रौ साहित आखै सिंध सारूं मूंघी बात है।अरब फकीर, जलाल चांडियौ, मुराद फकीर, माई भागी जेडा़ जानदार कलाकार इणी सिंध दिया।आं सबां बिचाळै एक नांव और महताऊ है इण सिंध रो।माई धाई।

माई धाई मूल रूप स्यूं सिंधी कलाकार नीं है, वा धाटकी कलाकार है।पाक रै थरपारकर, मिठ्ठी अर अमरकोट में धाटकी बोली जावै।धाटकी लगभग मारवाड़ी जेडी़ ईज है, आपां कैह सकां मारवाड़ी में सिंधी रो झोळ।अर इणी धाटकी नैं संगीत रै पेमानै माथै लोक सूं ग्लोबल माथै पुगावण रो काम जकां मिनखां करयौ उआं में धाई रो नांव उल्लेखणजोग है।
माई धाई रो जलम 1944 में एक मिरासी परिवार में होयो।पुस्तैनी काम गावण-बजावण गो हो।धाई रो जलम बाड़मेर में हुयौ, स्यात नानाणैं मांय।एक जाणकारी रै हिसाब सूं विभाजन सूं पै’ला धाई रा पिताजी बाड़मेर रै दूदाबेरी गांव में परणीज्या।

परिवार पर सहीदां(स्थानीय मुसलामान) रो छतर हो।बे इण परिवार साथै कई मिरासियाँ रा अन्नदाता हा।सोढा परिवार भी बिंया-बधाणै इण परिवार नैं राणा जागीर मांय गावण नैं बुलांवता।माई धाई रै पीहर रो कोई खास पतो नईं है पण उणरौ सासरौ हवेली में हो जकौ अमरकोट रै नेडै़ है।हवेली सूं उणरौ परिवार खारोडा़ आग्यौ अर इण बगत खारोडा़ सूं लद’न वे अमरकोट में आपरौ सीधौ सरू कर्योडौ़ है।खारोडा़ पाकिस्तान सूं एक बेली साथी जकौ कई बरस पैल बठै सूं अठै भारत लद’न आया, बतावै के म्हारै साथै बस मांय धाई अमरकोट जाया करती।म्है वांनै धाई भुआ कैंवता।उण टै’म वा फेमस नीं हुई ही।

अस्सी रे दसक रै उतराध मांय माई धाई फेमस हुगी।उणनै स्टूडियो आळा रिकार्ड करी।इणी’ज बगत रे कुछ टै’ म बाद माई धाई री आवाज इंग्लैंड, अमरीका, मिसर आद देसां में गूंजी।अर फेर धाई नैं कराची-हैदराबाद मार्ग तो इंया लागतौ जाणै मिठ्ठी-अमरकोट जा री हूं।जद उण गा’णौ सरू करयौ हो वा समै केसीटां रो हो अर बिंया बधाणै केसीटां में आवाज आवण लागी-

“चिरमी बाबौसा रै लाडकी, ओ चिरमी बाबोसा रै लाडकी, मांजै चिरमकी रा डाळा दोय-चार वारी जाऊं चिरमी नों”

धाई छोटी थकी ही जद ही आपरी मां रै साथै हर उच्छ्ब माथै गावण जांवती।उणरी मां रो नाम खंडबाई हो।धाई रो नानाणौ बाड़मेर हो, पण उण कदैई नानाणौ देख्यौ नीं।धाई एक इंटरव्यू में बतावै के म्हैं तो देख्या कोनी कदैई पण बतावै है के मामा अर मामै रा कीं बेटा बाड़मेर रेवै।धाई रा सासरिया पै’लां राणा जागीर मांय रेवता बाद में सहीदा सारूं गावण लागा।धाई रे परिवार में उणरा चार बेटा है अर दो बेटियाँ।

धाई स्सै ऊं ज्यादा फेमस तद होई जद उण आतिफ असलम साथै “कदै आवो नईं रासीला म्हारै देस जोआं थोंरी बाट घणी” गायौ “।उण विडियो नैं आज भी लोग बडे़ चाव सूं सुणै।उणी’ज विडियो बाद भारत रा वे लोग जकां धाई रो नाम तक नईं सुण्यौ वे सर्च कर’ न सुण’ण लागा।पण म्हनै लागै वा चिरमी सब सूं बढिय़ा गावै उण गीत री होड़ कोई नीं कर सकै धाई साम्हीं।

‘बाईसा लाडका घणा’ गीत रा राजस्थान में कई वर्जन आ गया पण बे सगळा कॉपी करै एक दूजै री अर इण कोपी में गीत रो हिंयौ मर ज्यावै।धाई जद इण गीत नैं गावै तो ओरां रों नईं ठाह पण म्हारौ मन करै लगातार इणनै सुणतौ जाऊं।वा हर भाव नैं आपरै ले’जै सूं ऊंचौ लेय’ र गावै-

“बाई म्हारै हथ रो छाळौ रोजी नों कया मतै रोजी मांजै लाडकी घणी

ओ……वीरोसा हैदराणै(हैदराबाद) जासै आतौ बाई रै पान लासै, आधौ वीरौ आप खासै आधौ बाई नों देसै”

धाई री कौम हरहमेस ज़जमाना सारूं गावंती आयी अर जजमान हीं ईं कौम रा संरक्षण रया,जजमान लोग लाग देंवता, पण जजमान ई धाई रा हा ईं बात सूं अंदाजौ लगा सकां के वे कित्ता’क पैसै आळा हो सकै, पण आपरी श्रद्धा अनुसार धाई नैं खावण खर्चै आला पैसा देंवता पण वा बारै गावण लागी तो ऊणनै लारै मिल्या बींसूं ज्यादा पैसा भी मिळ्याअर आं पैसां रो दरसाव तद हुयौ जद धाई रे पोते राजा रो बयाव हो अर उणनै डॉलरां रो हार पैराईज्यौ।

आ किणी मंगण्यार रै पे’ले बेटे रो अवसर हो जकै नैं डॉलरां रौ हार पैराइज्यौ।जठै हिंदुस्तान में आज भी तथाकथित नीची कौमां नै शोषित करै, उणानैं घौडी़ माथै चढण सूं रोकीजै बठै ही उणरै पड़ौसी देस पाकिस्तान में धाई आपरै पोते रै डॉलरां रो हार पैरायौ।इण सूं सुथरी बात कांई हो सकै।आ बठै रो लोक है, लोक री समझ है।जकै इंटरव्यू रो ऊपर उल्लेख करयौ है उए सागै इंटरव्यू में पत्रकार सांई धाटकी में पूछै के – “अवांना खबर है हेके डालर मीं कित्ता पैसा होईंता?” मतलब के आपनै पतौ है एक डॉलर में कित्ता पैसा हुवै? धाई आपरौ पडूतर देंवती थकी केवै- असां ना की खबर कित्ता होईंता? “।

धाई नैं बठै रा सहीद सरदार अली अर कई लोग केवै के जद स्टैज माथै गाओ जद घूंघट मत निकाळ्या करौ।पण धाई पुराणै जमानै री है, वा असै’ज है लोक लाज रै इण मामलै में।धाई भौत साधारण लुगाई है, जकै नैं स्हैर रा लोग गंवार केवै अर गांव रा लोग बिअकणी या भोळी।धाई आपरी एक जातरा रै बारै में बतावै के जद पेली बार जा’ज देख्यौ तो सोच्यौ के ओ किंया उडसी? पण साथै एक बाई ही उण हूंस बधाई के मां बी(डर)मतै।उणनै तो कैह दियौ को डरूं पण मन फथक फथक करण लाग्ग्यौ अर जद जा’ज उतरै तद भी डर लागै उणरा लोडा सूं।

धाई केवै म्है कई देसां में गई पण आपरौ वेस अर बोली नईं छोडी या केऊं के छूटी ई कोनी।माई इंटरव्यू में हंसती थकी धाटकी में केवै के-अमरीका मीं मड़दा रा वैस सुठा है पण लुगाईयां रा वेस अभरा है उथ”।ख़ैर वा उणरी लोकसमझ रो पै’लू है।आखै जग रै कई देसां में घूम चुकी धाई कनै फोन ई कोनी, उणरा टाबरा कनै जरूर फोन है।वा केवै कि म्हारै उण सूं कोई काम नईं पडै़, काम जकै रे होसी वा आपी फोन कर लेसी।धाई बतावै के पाकिस्तान री मसहूर गायिका आब्दा परवीन हर मुलाकात में होंसलौ बधायौ, एक उच्छब में वा अमरकोट आयी स्यात अर उण केयौ भी के इणनै टीवी पर भेजौ पण उण बखत म्हैं लोग अबूझ हा।जाबक गांगना।

आज धाई हर संगीतमै इलाकै में बड़े चाव सूं सुणिजै।उणरी फेन फॉलोईंग रो उणनै ठाह नीं है पण फेन जाणै है।उणनै तो ओ ई ठाह नईं है के वा इतरी बडी कलाकार है।

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