मेजर विवेक गुप्ता : दुर्गम पहाड़ियों में दुश्मनों को चटाई धूल, अदम्य साहस के बूते मिला महावीर चक्र

कारगिल विजय के 22 साल पूरे होने पर आज देशभर में शहीद जाबांज सैनिकों को याद किया जा रहा है। सैनिकों की शौर्यगाथाएं जितनी कही जाए उतनी ही कम है। सेना के बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहे।

पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध के दौरान जब एक-एक करके कई चौकियों पर कब्जा कर लिया था तब टोलोलिंग की चोटी पर हालात को संभालने के लिए जिस वीर जवान को जिम्मेदारी दी गई थी उनका नाम था विवेक गुप्ता, आज कारगिल विजय दिवस के दिन आइए आपको बताते हैं उनकी वीरता के किस्से।

परमवीर सिपाही विवेक गुप्ता राजपुताना राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे और कारगिल युद्ध के दौरान उन्हें चोटी पर पकड़ बनाने का आदेश दिया गया है।

दुश्मनों के दांतों तले चबवा दिए चने

मेजर विवेक गुप्ता ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ मिशन की अगुवाई की और टोलोलिंग की चोटी पर सैनिकों की टुकड़ी के साथ आगे बढ़ते गए। अपने साहस से मेजर विवेक गुप्ता ने सभी घुसपैठियों को वहां से खदेड़ा।

इस दौरान विवेक गुप्ता को 2 गोलियां भी लगी लेकिन उन्हें हार मानना आता ही नहीं था ऐसे में झड़प करते हुए उन्होंने 3 दुश्मनों को मौत के घाट उतारा और चोटी पर तिरंगा फहराया।

मरणोपरांत मिला महावीर चक्र

दुश्मनों से लड़ते हुए 13 जून को वीर जवान मेजर विवेक गुप्ता शहीद हो गए और उनके अदम्य साहस के बाद उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र दिया गया।

फूट-फूट कर रोए थे कपिल देव

आपको बता दें कि 1999 में युद्ध के दौरान क्रिकेट वर्ल्ड कप भी चल रहा था, ऐसे में अखबारों में छपने वाली शहीदों की फोटो देखकर उस वक्त के टीम के कप्तान कपिल देव रोने लगे थे।

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