बेबस भाई की बहन ने जयपुर के SMS हॉस्पिटल के सामने गेट पर तड़’पते हुए द’म तोड़ा

देश में ऑक्सीजन की कमी से देश की स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है। रोजाना ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने आते हैं जो दिल को झंझोड़कर रख देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया देश के सबसे बड़े राज्य की राजधानी से। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की, एक ऐसा मामला सामने आया जिसे सुनकर ही आप भावुक हो जाएगे। मामले की बात करें तो जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह यानी S.M.S के बाहर एक 25 साल की युवती ने ऑक्सीजन की कमी से द’म तोड़ दिया। युवती के साथ उसका भाई और वहां खड़े सभी लोग उसकी मदद नहीं कर पाए और लाचार लोग उस युवती को द’म तोड़ते हुए बस देखते ही रहे। एक बेंच पर बैठी उस युवती को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाया जिसके कारण उसकी जा’न चली गई।

पूरे मामले की बात करें तो बताया जा रहा है कि वह 25 साल की लड़की टोंक जिले में निवाई कस्बे के गुंसी गांव की रहने वाली है। शनिवार रात अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उसका भाई उसे निवाई और टोंक में इलाज के लिए लेकर गया लेकिन वहां जब उसकी बात नहीं बनी तो उसने एंबुलेंस की और 90 किलोमीटर की यात्रा करके राजधानी जयपुर में आ पहुंचा।

भाई को बस यही उम्मीद थी कि उसकी बहन को अच्छा इलाज मिलेगा इसीलिए पूरे रास्ते अपनी बहन को हौसला देते हुए सीधा राजधानी जयपुर ले आया। लेकिन जब जयपुर में अपनी बहन के साथ वह भाई पहुंचा तो 5 अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी उसकी बहन को भर्ती नहीं किया गया। एक ऑटो में बैठ कर अपनी बहन को मालवीय नगर, जगतपुरा, प्रतापनगर व एसएमएस जैसे बड़े-बड़े अस्पतालों में लेकर घूमता रहा लेकिन कहीं भी उसकी बहन को भर्ती नहीं किया गया। सभी अस्पतालों में ताले बंद नजर आए अंतिम में जब एसएमएस अस्पताल में पहुंचे तो वहां के इमरजेंसी में ताला बंद नजर आया अस्पताल प्रशासन ने बताया कि यहां केवल राजस्थान यूनिवर्सिटी हेल्थ सर्विस से रेफर मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा।

वह लड़की वही बेंच पर बैठ गई और 15 मिनट के अंदर करीब शाम 6:00 बजे उसकी मृ’त्यु हो गई। कई लोगों ने वहां उसका लाइव वीडियो भी चलाया, वीडियो में युवती के अंतिम शब्द यही थे कि “मेरा दम घुट रहा है मुझे बचा लीजिए, मुझे बचा लीजिए” लेकिन लाचार खड़े लोग उसकी मदद करने में नाकामयाब रहे। बहन की मृ’त्यु के बाद भाई फूट-फूट कर रोने लगा और प्रशासन को कोसने के अलावा उसके पास कोई दूसरा चारा नहीं था।

जिस ऑटो में वह बैठ कर आए ऑटो ड्राइवर का कहना है कि मुझे बड़ा दुख है कि वह लड़की बच नहीं पाई और किसी भी अस्पताल में उसकी मदद नहीं कि अस्पताल प्रशासन भी इस समय मजबूर है। वही एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजेश शर्मा का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच सत्यता से की जाएगी और पूरे मामले को संज्ञान में ले लिया गया है।

इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताये !!

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