तपस्या परिहार जिन्होंने वकालत छोड़ तय किया यूपीएससी का सफर, स्कूल से लेकर IAS तक हमेशा रही टॉपर

आज हम आपको मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की रहने वाली आईएस तपस्या परिहार की कहानी बताएंगे जिन्होंने वकालत छोड़कर आईएएस का सफर तय किया. तपस्या का जन्म 22 नवंबर 1992 को जोवा गांव नरसिंहपुर जिले मध्य प्रदेश में हुआ था। किसान परिवार में जन्मी तपस्या परिवार बचपन से पढ़ाई में होशियार थी और हर कक्षा में वह अव्वल आया करती थी।

टॉपर से वकील बनने चली थी तपस्या

तपस्या परिहार ने प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से की जहां 10वीं और 12वीं कक्षा में स्कूल में टॉप करने वाली छात्रा रही। उनका परिवार उन्हें शुरू से ही यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रोत्साहित करता था, हालांकि ग्रेजुएशन की पढ़ाई तपस्या परिहार ने सोसायटी लॉ कॉलेज पुणे से की है।

वकालत छोड़ बनी आईएएस अफसर

तपस्या परिहार ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोचिंग लेना शुरू कर दिया था। वह अपने परिवार द्वारा यूपीएससी की राह पर चलना चाहती थी। उनका खुद का लगाव भी यूपीएससी की तरफ था।

इसके बाद उन्होंने कोचिंग लेना शुरू कर दिया था, हालांकि अपने पहले प्रयास में वह प्री की परीक्षा में पास नहीं हो पाई थी। जिसके बाद उन्होंने कोचिंग को छोड़ खुद पढ़ाई करना शुरू कर दिया था।

दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता

तपस्या सेल्फ स्टडी करने के बाद ढाई साल तक दिल्ली में रही थी और दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल कर ऑल इंडिया में टॉप किया था।

तपस्या परिहार अपनी सफलता पर बताती है कि तैयारी के साथ-साथ सबसे ज्यादा जरूरी कड़ी मेहनत और ईमानदारी है। खुद में आत्मविश्वास की कमी आने से अभ्यर्थी का मनोबल गिर सकता है। इसलिए आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ईमानदारी के साथ तैयारी करके परीक्षा दी जाए तो सफलता जरूर मिलती है।

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