12 फेल IPS अफसर मनोज कुमार शर्मा की कहानी,नकल करके होते थे पास

जिंदगी में अगर एक दौर ऐसा आ जाए जब आप नौवीं,दसवीं,ग्यारहवीं कक्षा में तृतीय श्रेणी से पास हो। 12वीं कक्षा में फेल हो जाए। तब शायद वहां से उठकर जिंदगी में एक मुकाम पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन इस बात को गलत साबित किया आईपीएस मनोज कुमार शर्मा (IPS Manoj Kumar Sharma) ने,मध्य प्रदेश मुरैना जिला (Muraina)  के रहने वाले आईपीएस मनोज कुमार शर्मा अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान 9वीं 10वीं 11वीं कक्षा में तीसरी श्रेणी से पास हुए। उसके बाद 12वीं कक्षा में फेल हो गए और आज इस वक्त महाराष्ट्र कैडर (Maharashtra Cadre) के आईपीएस अफसर के तौर पर कार्यरत है।

चौथे प्रयास में किया पास

12वीं कक्षा में फेल होने के बाद भी मनोज कुमार ने अपना भरोसा नहीं टूटने दिया,वह डटे रहे। मनोज बचपन से आईएएस अफसर बनना चाहते थे। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया। पोस्ट ग्रेजुएशन (Graduation) की पढ़ाई के बाद उन्होंने तीन बार यूपीएससी (UPSC Exam) की परीक्षा को दिया। लेकिन असफल हो गए और चौथे प्रयास (4th Attempt) में 121 रैंक (AIR 121) लाकर आईपीएस अफसर (IPS Officer) बने। आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की कहानी हाल ही में चर्चा में इसलिए आई क्योंकि उनके दोस्त ने उनके ऊपर एक किताब लिखी है। किताब का शीर्षक है 12वीं फेल (12th Fail) ,उनके दोस्त जीएसटी ऑफिस (GST Office) में अधिकारी (Officer) हैं और मनोज कुमार शर्मा के बात करें तो मनोज मुंबई पुलिस में एडिशनल कमिश्नर (Add. Commissioner)  के तौर पर कार्यरत हैं।

IPS manoj kumar sharma

नकल से हुए पास

मनोज कुमार शर्मा अपनी कहानी के बारे में बताते हैं कि जब वह 9वी,10वीं और 11वीं कक्षा में थे तब उन्होंने नकल से परीक्षा को पास कर लिया था। इसके बाद 12वीं कक्षा में भी वह नकल (Cheating) से पास होने का प्लान बना चुके थे, लेकिन उस दौरान उस इलाके के एसडीएम (SDM) ने उनके स्कूल को टारगेट किया। एसडीएम ने नकल करने से रोक दिया। मनोज कहते हैं कि एसडीएम की बात सोच कर उनके मन में सवाल आया कि ऐसा कौन व्यक्ति है और उसके पास कितनी पावर है कि उसने नकल करने से रोक दिया। सब लोग उसकी बात मान रहे हैं।

मनोज बताते हैं कि उनके भाई और वह टेंपो चलाते थे। एक दिन उनके टेंपो पकड़ा गया, तब उन्होंने सोचा कि वह एसडीएम से कहकर टेंपो को छुड़वा ले। मनोज बताते हैं कि जब एसडीएम के पास इस बात को लेकर पहुंचे तब उन्होंने कोई और सवाल न करके बस यही पूछा की तैयारी कैसे करें और बताया कि मैं 12वीं कक्षा में फेल हो गए हैं। एसडीएम से बात करने के बाद उन्हें मन में तय किया कि वह अब यही करके मानेंगे।

गांव से आये ग्वालियर

मनोज कुमार मन में एसडीएम का सपना लेकर गांव से ग्वालियर (Gwalior) पहुंच गए। पैसे बचाने के लिए वह मंदिर में भिखारियों के साथ सोने लगे। मनोज बताते हैं कि इसके बाद उन्हें लाइब्रेरियन (Librarian) कम चपरासी का काम मिला। इसके साथ-साथ वे सभाओं में बिस्तर बिछाना लोगों को पानी पिलाने का भी काम करते थे। उसके बाद मनोज ने ग्वालियर से दिल्ली जाने का फैसला लिया और दिल्ली में आकर वह बड़े घर के लोगों के कुत्तों को टहलने का काम किया करते थे। मनोज को उस वक्त प्रति कुत्ते पर 400 रुपये मिलते थे।

IPS Manoj kumar sharma book

लव लाइफ से किया वादा

मनोज कहते हैं कि एक बार उनके मालिक ने बिना फीस के उन्हें कोचिंग सेंटर में एडमिशन दिया। मनोज ने अपने पहले प्रयास में प्री की परीक्षा (Pre Exam) को पास कर लिया था। बाद में मेंस परीक्षा में फेल हो गए। लेकिन मनोज बताते हैं कि उनकी लव लाइफ (Love Life) के चलते हैं वह दूसरे और तीसरे प्रयास में प्री परीक्षा को भी पास नहीं कर पाए। इसके बाद जिस लड़की से वह प्यार करते थे उससे वादा लिया कि अगर वह हां कर दे और साथ दे दे तो वह जिंदगी पलट देंगे और इसके बाद चौथे प्रयास में वह आईपीएस अफसर बन गए। जानकारी के लिए बता दें तो आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की पत्नी श्रद्धा जोशी शर्मा आईएएस अफसर है।

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