एक रात में भूतों द्वारा तैयार 1000 साल पुराना मंदिर जहाँ शाम को जाना सख्त मना है! खौफनाक रहस्य

भारत में मंदिरों का अपना इतिहास है। वही हर मंदिर का इतिहास अपना किसी एक खास पहलू से जुड़ा हुआ है। ऐसा ही एक मंदिर है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना में ककनमठ। ककनमठ मंदिर (Kakanmath Temple) से जुड़ा इतिहास बेहद खास है कहते हैं कि इस मंदिर को भूतों ने केवल एक रात में बनाया था। इस मंदिर को बनाने में ना किसी सीमेंट, न किसी चुने का इस्तेमाल किया गया। बल्कि बड़े-बड़े पत्थरों से इस मंदिर का निर्माण किया गया है।

11वी शताब्दी का है मंदिर

मंदिर के निर्माण को लेकर बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में कच्छवाहा वंश के राजा कीर्ति के शासनकाल में हुआ था। राजा और उनकी पत्नी ककनावती शंकर भगवान (Shankar Bhagwan) के भक्त थे। उन्हीं के शासनकाल में मंदिर का निर्माण हुआ था। वहीं कई अन्य लोग मंदिर के निर्माण को लेकर अपना अलग तर्क देते हैं।

कुछ का कहना भूतों ने किया निर्माण

वही मंदिर के निर्माण को लेकर एक अन्य तर्क दिया जाता है। बताया जाता है कि बाबा भूतनाथ (Baba Bhutnath) के भक्त भूतों ने इस मंदिर का निर्माण किया था। भूतों ने एक रात में इस मंदिर का निर्माण किया था और बिना सीमेंट चुने के मंदिर का निर्माण किया गया था।

बड़े-बड़े पत्थरों को एक के ऊपर एक लगाकर इस मंदिर का निर्माण किया गया और सबसे खास बात यह है कि जिन पत्थरों का इस्तेमाल इस मंदिर के निर्माण में किया गया है वह पत्थर मंदिर के आसपास के इलाके में नहीं मिलते हैं। बताया जाता है कि खाली मैदान से इन पत्थरों को लाकर मंदिर का निर्माण किया था। वही कहते हैं कि सुबह होने की वजह से भूतों ने मंदिर के निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया था। आज भी ऐसा ही लगता है कि मंदिर का निर्माण कार्य अधूरा रह गया है।

मजबूती से खड़ा है मंदिर

ककनमठ मंदिर (Kakanmath Mandir) के आसपास के कई छोटे-छोटे मंदिर नष्ट हो गए। लेकिन ककनमठ मंदिर आज भी जैसे का तैसा खड़ा है। वही इसको देखकर लगता है कि आज भी मंदिर अधूरा है और पूरी तरीके से नहीं बन पाया है। लेकिन इसके बावजूद भी मंदिर ना तो गिरा और ना ही हिला है। मंदिर में रोजाना हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं।

ककनमठ मंदिर को लेकर एक अलग मान्यता भी है। कहते हैं कि यह मंदिर 1 दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन उसको लेकर एक अलग ही बात बताई जाती है। लोग कहते हैं कि जिस दिन नाई जाति के 9 काने लड़के दूल्हा बनकर मंदिर के आगे से गुजरेंगे, उस दिन यह मंदिर नष्ट हो जाएगा। संयोग की बात है कि अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। लेकिन लोगों का कहना है कि जिस दिन 9 काने लड़के दूल्हा बनकर निकलेंगे उस दिन मंदिर नष्ट हो जाएगा।

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