ज्योतिष को किया गलत साबित,परीक्षा से पहले पड़े बीमार फिर भी मेहनत से बने IAS

जिस वक्त हमारे जीवन में कुछ ऐसी स्थिति आ जाए जो समय के खिलाफ हो, तब हम भगवान (God) या ज्योतिषी (Astrologer) के पास भविष्य को सुधारने का उपाय ढूंढते हैं। लेकिन जब वह ज्योतिषी ही आपको गलत सलाह दे दे तब आप क्या करेंगे। ऐसा ही हुआ नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) की जिंदगी में भी हुआ था। नवजीवन पवार महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) के नवी बेज गांव (Navi Bej Village) के रहने वाले हैं। नवजीवन ने यूपीएससी की परीक्षा को पास कर के आई एस के पद को पाया है।

किसान परिवार से रखते है ताल्लुक

आईएएस नवजीवन पवार (IAS Navjivan Pawar) की बात करें तो उनके पिता किसान है। 12वी कक्षा के बाद नवजीवन ने सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering) में डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने का मन में विचार किया और तैयारी करना शुरू कर दिया। उनके पिता ने उन्हें कोचिंग के लिए दिल्ली भेजा और नवजीवन ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को पास करके और इंडिया 316 वी रैंक (AIR 316) हासिल करके आईएएस बन गए। नवजीवन ने अपने मां-बाप का नाम रोशन कर दिया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने के चलते नवजीवन ने भी खेतों में काम किया था। अपने पिता के साथ खेतों में जाकर खेती व हल चलाने का भी काम किया करते थे।

IAS Navjiwan Pawar

ज्योतिष ने कहा नही बनेगा 27 से पहले आईएएस

नवजीवन पवार कहते हैं कि दिल्ली में आकर उन्हें एक बार उनके साथी ज्योतिष के पास ले गए। जब ज्योतिष ने उनका हाथ देखा तब कहा कि नवजीवन 27 को की उम्र से पहले आईएएस अफसर (Not Be IAS Officer Before 27) नहीं बन सकेंगे। जीवन कहते हैं कि उन्हें ज्योतिष के बाद चुभ गई और उन्होंने मन में ठाना कि वह इस परीक्षा को जरूर पास करेंगे और 27 की उम्र से पहले आईएएस अफसर बनेगे। नवजीवन कहते हैं कि उन्होंने ज्योतिष की बात सुनकर मन में विचार किया कि किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते। हाथ की किस्मत पर भरोसा ना करके मेहनत पर भरोसा किया जाए तो बेहतर होगा। इसी विश्वास के साथ नवजीवन पवार ने तैयारी की और अपने पहले प्रयास (UPSC Clears In 1st Attempt) में यूपीएससी परीक्षा को पास किया।

इंटरव्यू से पहले हो गए बीमार

नवजीवन पवार की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया जब प्री (PRE) और मेंस (Mains) की परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू (IAS Interview)  के 1 महीने पहले उन्हें डेंगू (Dengue) हो गया। नवजीवन को उस वक्त अस्पताल में भर्ती (Admitted In Hospital) कराना पड़ा। नवजीवन कहते हैं कि उस वक्त उन्हें सिर्फ आईएएस बनने का सपना नजर आ रहा था। नवजीवन के पिता ने नवजीवन से कहा कि अब उनके पास दो रास्ते हैं या तो लड़ो या छोड़ो और नवजीवन ने लड़ने का फैसला किया। अस्पताल में रहने के बावजूद भी में पढ़ाई करते रहते थे, डॉक्टर भी उन्हें पढ़ता हुआ देख हैरान (Surprised) हो गए।

IAS Navjiwan Pawar

क्या कहते है नवजीवन

नवजीवन पवार सलाह देते हुए कहते हैं कि किसी भी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही कुछ उनके जीवन में भी हुआ। नवजीवन पवार कहते हैं कि अगर आपने मन में ठान लिया है आपको यूपीएससी की परीक्षा को पास करना है तो कितनी भी मुसीबत आए उसे घबराना नहीं चाहिए। वह कहते हैं कि मेरी कहानी बड़ी ही संघर्ष भरी रही और मैंने उस चीज से न घबराकर मेहनत और लगन के साथ तैयारी की और सफलता हासिल की। तैयारी करने वाले विद्यार्थी अगर सही रणनीति और गाइडेंस के तैयारी करते रहे तो यूपीएससी की परीक्षा को पास किया जा सकता है।

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