राजस्थान में प्रकृति ने बरपाया कहर, बिजली गिरने से 23 लोगों की मौत, जानें कैसे बचाएं इस दौरान अपनी जान

राजस्थान में बीते रविवार को प्रकृति ने जमकर कहर बरपाया। जयपुर में हुई जबरदस्त बारिश के बाद आकशीय बिजली गिरने से शहर के आमेर फोर्ट में घूमने आए 12 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। वहीं राजस्थान के आमेर महल समेत अलग-अलग जिलों में बिजली गिरने से 23 लोगों की मौत हुई है।

वहीं आमेर महल की ऊंचाई पर बने वॉच टावर यानि सेल्फी पॉइंट जहां बिजली गिरी वहां 35 से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है। यह हादसा कल रात 8 से 9 बजे के बीच हुआ जिसके बाद देर रात तक आमेर महल में पहाड़ी इलाके में सर्च ऑपरेशन का काम जारी रहा।

जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव रात को घटना के बाद मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। देर रात तक एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने 30 से अधिक लोगों को रेसक्यू किया। सभी घायलों को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका इलाज जारी है।

वहीं देर रात घटनास्थल पर एडिशनल कमिश्नर राहुल प्रकाश, विधायक रफीक खान भी मौजूद रहे।

राजस्थान के कई जिलों में प्रकृति ने दिखाया रौद्र रूप

राजस्थान में जयपुर के अलावा कोटा, धौलपुर, बारां, सवाई माधोपुर और झालावाड़ में भी बिजली के गिरने से कई लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में कोटा जिले के कनवास गांव में बिजली गिरने से 4 लोगों की मौत हुई।

वहीं धौलपुर जिले के कूदिन्ना गांव में बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 बच्चों की मौत हो गई जो बकरियां चराने खेत में गए थे, हालांकि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से जिलेवार मौतों का अधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने की आर्थिक सहायता की घोषणा

बिजली गिरने की प्रदेशभर की घटनाओं पर मुख्यमंत्री गहलोत ने दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

वहीं गहलोत ने संबंधित अधिकारियों को जल्द हालात काबू में लाने के निर्देश देते हुए आपदा प्रबंधन विभाग की एक बैठक भी बुलाई है।वहीं इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस समय हमें एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए।

आइए एक नजर डालते हैं कि आकाशीय बिजली गिरने पर आप खुद को कैसे बचा सकते हैं।

क्या होती है आकाशीय बिजली ?

तेज बारिश के बीच आकाश में बादलों के बीच टक्कर होने के दौरान अचानक तेजी से इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलता है जो तेजी से जमीन की तरफ गिरता है उसे ही बिजली गिरना कहते हैं या अंग्रेजी में इसे लाइटनिंग भी कहा जाता है।

जब यह इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज जमीन पर गिरता है तो तेज आवाज होती है और एक तेज प्रकाश के साथ चमक होती है।

कैसे बच सकते हैं?

आकाशीय बिजली अधिकांश तौर पर बारिश के दिनों में गिरती है जहां खुले आसमान के नीचे रहने वाले जानवर, पेड़-पौधे इसकी चपेट में आते हैं। बिजली पानी के नजदीकी इलाकों या फिर बिजली और मोबाइल टावर के आस-पास के क्षेत्रों में गिरती है।

1. आकाशीय बिजली या बारिश के दिनों में पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर से दूरी बनाकर रखें।

2. बिजली गिरने के दौरान अपनी दोनों एड़ियों को मिलाकर जमीन पर पर उकड़ू बैठने की कोशिश करें और एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखें।

3. करंट के फैलने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें।

4. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं ऐसे में बिजली चमकते समय पेड़ से दूरी बनाकर रखें।

5. आकाशीय बिजली चमकने के दौरान अगर आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं और शरीर में एक अजीब सी झुनझुनी होने लगती है ऐसे में आपके आसपास बिजली गिरने की संभावना प्रबल है।

6. बिजली गिरने पर घायल को सीपीआर देने की कोशिश करें।

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