पिता मजदूर, मां नेत्रहीन और खुद बहरेपन का शिकार, IAS मनीराम शर्मा का संघर्ष भरा सफर

अक्सर हम सुनते हैं कि जिंदगी में हार मानकर नहीं जिंदगी को जीत कर खुद को साबित करना चाहिए लेकिन खुद को साबित करने के लिए जोश और जिंदादिली का होना बेहद आवश्यक है।

हम बात कर रहे हैं राजस्थान अलवर जिले के बंदीगढ़ गांव के रहने वाले मनीराम शर्मा की जो खुद से संघर्ष करने के बाद साल 2009 में आईएएस अफसर बने थे।

बहरेपन के ग्रसित मनीराम शर्मा का जन्म 1975 में बंदीगढ़ गांव में हुआ था जिनके पिता मजदूरी का काम करते हैं और उनकी माता को भी आंखों से दिखाई नहीं देता है।

स्कूल के दिनों में टॉपर थे मनीराम

मनीराम की स्कूली शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के पास में एक स्कूल से की। वह रोजाना 5 किलोमीटर चलकर दूसरे गांव के स्कूल में जाते थे। मनीराम ने 12वीं कक्षा में राजस्थान में सातवां स्थान हासिल किया था। वहीं कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह अलवर पहुंचे और वहां भी टॉप किया।

पिता की आंख में आंसू देखकर बोले बनूंगा बड़ा अफसर

मनीराम शर्मा अपना एक किस्सा बताते हैं कि जब 10वीं कक्षा में पूरे राज्य में 5वां स्थान हासिल किया तो उनके पिता उन्हें इलाके के बीडीओ के पास ले जाकर बोले कि इसे चपरासी की नौकरी दे दीजिए। लेकिन अधिकारी ने कहा कि मनीराम कान से सुन नहीं सकता है ऐसे में नौकरी करेगा तो फोन की घंटी को कैसे सुनेगा।

वह कहते हैं कि यह सुनकर पिता की आंखों में आंसू आ गए और घर आते वक्त उन्होंने पिता से कहा कि मैं एक दिन बड़ा अफसर बनूंगा।

15 साल में मिली सफलता

मनीराम ने 1995 से यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया था जिसके बाद 2005 और 2006 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दो बार पास की लेकिन सुनाई नहीं देने की वजह से वह आईएएस अफसर नहीं बन सके।

अगले साल 2007 में मनीराम की जिंदगी ने नया मोड़ लिया और एक डॉक्टर ने उन्हें कान के लिए ऑपरेशन करवाने को कहा।

चंदा इकट्ठा कर करवाया कान का ऑपरेशन

मनीराम की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई थी क्योंकि उनके ऑपरेशन के के 8 लाख रुपये का खर्च आना था जिसके बाद उन्होंने लोगों से मदद मांगना शुरू किया और कान का ऑपरेशन करवाया।

इसके बाद 2009 में मनीराम ने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया और इस बार उनकी मेहनत और लगन रंग लाई। वर्तमान में मनीराम शर्मा पलवल जिले के उपायुक्त हैं।

आईएएस से पहले कई परीक्षाएं की पास

मनीराम ने आईएएस परीक्षा से पहले अन्य कई परीक्षाओं को पास किया जहां कॉलेज के दूसरे साल में ही उन्होंने आरपीएससी की परीक्षा के बाद क्लर्क की नौकरी की। यूनिवर्सिटी में टॉप करने के बाद उन्होंने नेट की परीक्षा को पास किया और वह लेक्चरर भी रहे। वहीं शर्मा आरएएस अफसर पद पर भी चयनित किए गए थे।

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