40 साल बाद बुजुर्ग पति पत्नी ने लिए 7 फेरे, दामाद ने करवाई ऐसी शादी सब देखते रह गए

बांसवाड़ा : प्यार एक बार होता है, शादी भी एक बार होती है और शादी का सपना हर एक लड़के और लड़की के दिल में बसा होता है। हर कोई चाहता है की उसकी शादी धूम – धाम से हो, सभी रस्मों – कसमों के साथ हो लेकिन हर किसी के नसीब में यह सुख नहीं होता। ऐसे ही बांसवाड़ा (Banwara) के रहने वाले एक कपल का ये सपना तब टूटा जब समाज और परिवार इनके प्यार खिलाफ हो गया। लेकिन जिंदगी के आखिरी पड़ाव में आकर 60 साल के इन कपल ने एक – दूजे संग 7 फेरे लिए, एक – दूसरे के साथ जीने – मरने की कसमें खाई।

समाज को नहीं था प्रेम – विवाह स्वीकार्य

करीब 40 साल पहले रुपगढ़ (Rupgarh) के वड़लीपाड़ा में रहने वाले बाबू को तलाईपाड़ा (Talaipada) की रहने वाली कांता से प्यार हो गया। दोनों एक – दूसरे को बेहद पंसद करते थे और साथ जिंदगी गुजरना चाहते थे। लेकिन समाज और परिवार को यह गवारा न हुआ। उस समय प्रेम – विवाह समाज को स्वीकार्य नहीं था। और परिवार भी उनकी शादी के खिलाफ था। हालांकि आज भी ऐसी कई जगह है जहां लोगों को प्रेम – विवाह स्वीकार्य नहीं। बाबू और कांता ने समाज और परिवार के खिलाफ होने के बावजूद एक – दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और सबसे दूर जाकर अपना एक आशियाना सजाया और दोनों को एक बेटी भी हुई।

बाजे और शहनाई के साथ लिए सात फेरे

बाबू और कांता ने भले समाज से दूर अपनी एक अलग दूनिया बसा ली थी लेकिन सामाजिक रुप से शादी न हो पाने की टीस कही न कही उनके मन मौजूद थी। बाबू की इकलौती सीमा मां – बाप के अंदर दबे इस एहसास को खूब पहचान रही थी और अपनी शादी के अपने पति के साथ मिलकर सीमा ने अपने मां – बाप की दबी इस इच्छा को फिर से उजागर कर दिया। दोनों ने बाबू और कांता की सामाजिक रीति – रिवाज के साथ शादी कराई। इतना ही नहीं बेटी ने दोनों के परिवार वालों को भी बुलवाया। इस शादी में करीब 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे।

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