21 करोड़ का राजस्थानी भैंसा जो जीता ठाठ-बाट की जिंदगी,भीम के सीमन की होती 10 देशों में सप्लाई

दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसे जीव की कहानी बता रहा हूं। जिसकी जिंदगी राजा महाराजाओं से बढ़कर है। जिसके चारों तरफ सैकड़ों नौकर चाकर उसकी चाकरी में दिन रात लगे रहते हैं। पुष्कर मेले में देखा गया है 21 करोड़ का भैंसा (🐃) (2018 के अनुसार कीमत) और 2021 के अनुसार भीम की कीमत 24 करोड़ रुपये है । झलको मीडिया (Jhalko Media) की खुशबू संग वार्ता करते हुए मालिक ने बताया कि भैंसे का नाम भीम (Bheem Bhainsa) है।उसके बाप का नाम खली (Khali Bhainsa), तथा इसको जन्म देने वाली भैंस के दूध 27.2 किलो है। इसकी इस समय उम्र सात वर्ष है।

भैंसे के बारे में विस्तृत जानकारी : भैंसे की विस्तृत जानकारी देते हुए उनके मालिक ने कहा कि जब इसका जन्म हुआ था, तो पूरे जन्म काल का अपनी मां का पूरा दूध इसी ने पिया था। जब यह बड़ा हुआ तो डॉक्टर की देखरेख में इसके दैनिक खानपान की पूरी जिम्मेदारी उसी के अनुसार होती थी। एक साल तक इसको दो भैंसो का बीस से 25 लीटर दूध रोज दिया जाता था।

हम लोग इसकी मर्जी से चलते हैं। यह जितना सोना है सोता है। लेकिन सुबह उठते ही इसको 5 किलोमीटर की दौड़ करवाने के बाद में इसकी दो व्यक्ति मालिश करते हैं फिर इसको नहलाया जाता है। इसके बाद में इसको इसका भोजन दिया जाता है।

इसका स्वभाव एक बकरी के बच्चे की तरह है। है तो पशु लेकिन इसकी समझ आदमी के बराबर की है। सुबह जब घुमाने ले जाएंगे उस वक्त पेशाब और पोटा करता है। फिर दस से ग्यारह के बीच में करता है। दोपहर बाद शाम को चार और पांच के बीच में घूमने जाते हैं तब करता है। इसको गंदगी बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

भैंसे का खान पान : मालिक ने बताया कि सर्दियों में लगातार चार महीने इसके ड्राई फ्रूट्स के लड्डू चलते हैं। प्रतिदिन एक किलो देसी घी के अंदर हलवा खिलाया जाता है। देसी घी बिलोने का ही हो, कोई बाजार का नहीं होगा। इसके चारों तरफ कितने भी आदमी खड़े हो, इसको कोई फर्क नहीं पड़ता। यह बहुत शांत स्वभाव का है। इसकी ऊंचाई 6 फुट है, पंद्रह सौ किलो वजन और 14 फुट लंबाई है। सिंगो के बारे में बताते हुए कहा कि सींग मुर्रा नस्ल में रिंग सींग के आकार में ही होंगे।

भैंसे की देखरेख करने वाले डॉक्टर से बात करने पर उसने बताया कि दिन में तीन या चार बार इसका टेंपरेचर देखते हैं। इसका पानी, फीड की पूरी जानकारी रखते हैं।
शरीर पर बाल नहीं है के जवाब में कहा कि सप्ताह में एक बार नाई इसके पूरे शरीर की ट्रीमिंग करता है। सिर के बाल और दाढ़ी के बाल को मेल की निशानी बताया।

इसका खर्चा और आमदनी : इसके ऊपर कितना खर्चा होता है। का जवाब देते हुए वह कहते हैं कि लगभग पांच हजार रु प्रतिदिन इसका खर्चा होता है। दो हजार अट्ठारह में इसकी कीमत इक्कीस करोड़ लगाई थी। वह भी चार-पांच दिन लगातार।

मेरा एक ही उद्देश्य है कि ईश्वर ने मुझे यह जानवर दिया है। मैंने इसके पैसे नहीं दिए हैं। तो नस्ल सुधार के हिसाब से घर घर में हर किसान के पास में ऐसा जानवर हो। इसलिए मैंने इसको रखा है। हर किसान को इसका फायदा मिले इसलिए सिमन की कीमत ₹500 रखी है।

अन्य : इसके सिमन के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि मार्केट में बहुत कुछ डुप्लीकेट चल रहा है। इसलिए इसके सीमन की शुद्धता का ध्यान रखते हुए उसके ऊपर मैंने करनाल की विशेष स्टांप के साथ में भैंसे का नाम, बाप का नाम और मां के दूध के विवरण के साथ में मेरा नाम और मेरे मोबाइल नंबर भी प्रिंट करवाएं हैं। जिससे ग्राहक फोन पर बात करके अपनी शुद्धता की पहचान कर ले।

उन्होंने बताया कि इसका सीमन आठ दस देशों में सप्लाई होता है। और बहुत ज्यादा डिमांड है।

अपने विचार :

धन रखे तो ऐसा रख, जो जीव से प्यारा होय।
खुद को तो खुशी मिले ही मिले, पर दूजा भी आकर जाए।

विद्याधर तेतरवाल, मोतीसर।

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