भैरु बाबा के चमत्कारिक मंदिर का इतिहास जानिए जहां पूरी होती है मांगी हुई हर मुराद

राजस्थान के सीकर जिले में रींगस के पास 650 साल पुराना भैरुजी बाबा के मंदिर में लोग गहरी आस्था रखते हैं। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भैरू बाबा मन्नत मांगने के बाद 10 सैकेंड में अपना चमत्कार दिखाते हैं।

मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर एक पति-पत्नी सन 1669 में काल भैरव की पूजा करने के लिए आए थे। पूजा करने के दौरान लुटेरो द्वारा लूटने का प्रयास करने पर उनमें आपस में युद्ध छिड़ गया और पति की मौत हो गई। उसी समय वह अपने पति की मृत देह को गोद में लेकर सती हो गई। मंदिर में साल भर भारतवर्ष से भैरव बाबा के दर्शनों हेतु दर्शनार्थी आते हैं।

औरतें उतारती है बच्चों के जात-जड़ूले

मंदिर के पास में शमशान भूमि के बारे में यहां के पुजारी कहते हैं कि यह शमशान वासी भैरव का स्थान  है। यहां पर कोई भी औरत बैठ कर किसी भी समय खाना खाए या सोए उसको कोई भी हानि नहीं होगी। यहां पर औरतें अपने बच्चों के जात जडूले उतारने के लिए आती है और उनकी मन्नत पूरी होती है।

पास में बने एक तालाब के बारे में पूछने पर पुजारी ने बताया इसमें नहाने से खाज खुजली सब दूर हो जाते हैं। वहीं जिन औरतों के बच्चे नहीं होते हैं वह औरत अपने पुराने कपड़े यहां रख कर और नहाकर नए  कपड़े पहन कर चली जाती है और एक ठीकरी जिसको उतारा बोलते हैं वह देने के बाद में उसकी इच्छा पूरी हो जाती है। सभी देवताओं के अलग-अलग वाहन होते हैं वैसे ही भैरू जी का वाहन कुत्ता है।

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भैरू जी के मदिरा का भोग लगता है और नारियल पतासे का भी कुछ भक्त भोग लगाते हैं। भैरू बाबा का भादवा से मेलों का आगाज हो जाता है। भादवा के प्रथम 15 दिन राजस्थान से बाहर के लोगों के लिए है तथा बाद के 15 दिन राजस्थान के लोगों के लिए मेला लगता है। एक किस्सा यह भी प्रचलित है कि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरू सिंह शेखावत का नाम उनकी माता ने भैरू बाबा के नाम पर रखा।

Add Comment

   
    >