भीलवाड़ा खदान हादसा : एक साथ जली 6 लाशें, 25 किमी दूर दिहाड़ी करने गए मजदूर बने काल का ग्रास

भीलवाड़ा के आसींद थाना क्षेत्र के लाछुड़ा गांव में अवैध माइनिंग का मलबा ढहने से बुधवार को 7 मजदूरों मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। मरने वालों में 3 युवती और 4 युवक थे।

गुरुवार सुबह जब हंसते हुए मजदूरी पर निकले 6 लोगों की लाशें एक साथ गांव में पहुंची तो देखने वाले हर शख्स की आंख में आंसू थे। करेड़ा अस्पताल में शवों का पोस्टमार्टम कर सभी मृतकों का अंतिम संस्कार केमरी गांव में किया गया। मृतकों में गणेश, कन्हैया, प्रहलाद, हिंगलाज, धर्मा और मीना थे।

सस्ती मजदूरी होने के बावजूद जाते थे खदान पर

जैसा कि हम जानते हैं कि कोरोना के बाद रोजगार पूरी तरह से ठप हो गए हैं और रोज कमाने-खाने वालों पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में सभी मृतक मजदूर 25 किलोमीटर दूर और सस्ती मजदूरी होने के बावजूद भी लाछुड़ा माइंस पर मजदूरी करने जाते थे। मजदूरों को यहां 300 रूपए दिहाड़ी मिलती थी।

उजड़े मृतकों के परिवार

खदान हादसे में मृतकों के बीच हिंगलाज और प्रहलाद आपस में भाई बहन हैं। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले गणेश अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटा है। गणेश के मां-बाप की मौत पहले हो चुकी है।

इसके अलावा एक अन्य मृतक कन्हैयालाल आठ भाई-बहन हैं जिनकी मां की मौत पहले हो गई थी। वहीं हादसे का शिकार हुए धर्मा के भी पांच भाई-बहन हैं जिनके मां-बाप की पहले ही मौत हो चुकी है।

लापलिया खेड़ा की थी मृतक मीना

लापलिया खेड़ा गांव की रहने वाली मीना अपने परिवार में सबसे छोटी थी। मीना के पिता हजारी भील और मां के साथ घर में चार भाई-बहन हैं।

इसके दूसरी तरफ पुलिस ने घटना के बाद केमरी गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात किया है। वहीं आज मांडल विधायक रामलाल जाट, करेड़ा एसडीएम महिपाल सिंह, करेड़ा तहसीलदार हरेन्द्रसिंह, आसींद सीओ रोहित मीणा व करेड़ा थाना प्रभारी सुरेंद्र गोदारा ने पहुंचकर मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी।

Add Comment

   
    >