राजस्थान के भीलवाड़ा के युवा इंजीनियर का कमाल बना डाला ऐसा ड्रोन जो करेगा कोरोना में मदद

कोरोना संक्रमण के दौर में युवा पीढ़ी के इंजीनियरों ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जिसकी चर्चा खास हो गई है ।भीलवाडा के रहने वाले दो युवक कमलेश मेघवंशी और जुबेर शेख ने इस ड्रोन को इजाद किया हैं ।इन दोनों युवा इंजीनियरो के काम को पुरा शहर सराह रहा हैं ।दरअसल इस ड्रोन से चंद मिनटों में एक साथ 100 लोगों और पांच सौ मीटर एरिया को सेनेटाइज किया जा सकता है ।जिससे कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी ।

क्या है इस ड्रोन की खासियत?

यह एक साथ सौ लोगों को सेनेटाइज तो कर ही सकता हैं साथ ही साथ यह अन्य तकनीकों से भी लैस हैं ।इसमें लगे फ्लो मीटर द्वारा स्प्रे को कंट्रोल किया जा सकता है। ड्रोन में रडार और अत्याधुनिक ऑटो पायलट सिस्टम लगे हैं। इनसे उस एरिया में होने वाली अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है।

जुबैर शेख और कमलेश मेघवंशी द्वारा बनाएं ड्रोन में 10 लीटर का एक टैंक हैं ।इसमे फ्लो मीटर लगा हुआ हैं जो स्प्रे को कंट्रोल करता हैं ।साथ ही इससे सेनेटाईजर के आवश्यक स्प्रे और उसकी खपत को कम किया जा सकता हैं ।दोनों युवा इंजीनियर बताते हैं कि ड्राेन में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए उसमें रडार और अत्याधुनिक ऑटो पायलट सिस्टम लगाए हैं। इनसे ड्रोन को किसी भी ऑब्जेक्ट से टकराने से रोका जा सकता है।

खराब होने पर भी सही जगह करेगा लैंडिंग:

कमलेश मेघवंशी बताते हैं कि अन्य ड्रोन के मुकाबले इसे आसानी से उडाया जा सकता हैं ।ड्राेन की विशेषता है कि इसमें खराबी होने पर यह जीपीएस इनेबल होने के कारण ऑटोमेटिक मोड में अपने मूल स्थान पर लैंडिंग करने की क्षमता रखता है। जबकि दूसरे ड्राेन के दुर्गम स्थानाें या जीपीएस से बाहर हाेने पर लापता हाेने का डर रहता है।इस पहले भी मेघवंशी अपने साथियों संग एक छोटा एयर क्राफ्ट बना चुके हैं ।

करीब बीस मिनट उड़ान भरे रह सकने की क्षमता:

ड्राेन में लगे रडार से आसपास क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर भी ऊंचाई से नजर रखी जा सकती है। ये ड्राेन ऑपरेटिंग वाली जगह से 2 किलोमीटर की परिधि में 20 मिनट से ज्यादा देर तक लगातार उड़ सकता है।जरुरी सामग्री बेहद कम समय में एक से दुसरी जगह आसानी से पहुचाई जा सकती है ।खासकर कोरोना संक्रमण के दौर में वैक्सीन सहित तमाम तरह के मेडिकल के हल्के सामान आसानी से एक जगह से दुसरी जगह पर ले जा सकता हैं ।

इमरजेन्सी के समय जैसे कि बाढ,प्राकृतिक आपदा,कुछ फोटोग्राफ लेना हो,आपराध नियंत्रित करने में, आग लगने के दौरान इसका सही इस्तेमाल किया जा सकता है ।साथ की साथ कमलेश और जुबैर के बनाएं ड्रोन से आपदा के समय जरूरत की सामग्री एक जगह से दुसरी जगह आसानी से पहुचाई जा सकती है ।बाढ के समय मेडिकल जरूरत को पुरा करने मे मदद ली जा सकती है ।

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