10वीं में कम नंबरों के चलते स्कूल से निकाला, आज IPS बनकर कर रहे हैं देश की सेवा

स्कूल के दिनों में हम पढ़ाई में कैसे हैं उसका पता हमारे नंबरों से ही लगाया जाता है। अब कुछ बच्चे पढ़ने में तेज-तर्रार होते हैं तो कुछ गिर-पड़कर ऐसे ही स्कूल के दिन निकाल देते हैं।

हालांकि कुछ स्कूल के दिनों में चाहे कितने ही भौंदू रहें पर आगे चलकर ऐसी मेहनत करते हैं कि हर कोई चौंक जाता है। आज हम एक ऐसे ही शख्स की बात करेंगे जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हर किसी को हैरान किया।

एक शख्स की कहानी बताएंगे जिन्हें स्कूल के दिनों में पढ़ाई में कमजोर होने के चलते कक्षा से बाहर निकाल दिया जाता था, लेकिन आज वही आईपीएस अधिकारी बन देश सेवा कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं आईपीएस आकाश कुल्हरी की जिन्होंने पहले प्रयास में अपने सपनों को पूरा किया।

पढ़ाई में कमजोर होने के कारण स्कूल से दिया था निकाल

बीकानेर के रहने वाले आकाश कुल्हरी फिलहाल कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर हैं। आकाश बताते हैं कि स्कूल के दिनों में उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था और कमजोर होने के कारण उन्हें क्लास से निकाल दिया जाता था। वह आगे बताते हैं कि उनका 10वीं का रिजल्ट इतना खराब था कि स्कूल वालों ने उनका नाम काट दिया था।

10वीं में मिले 55% मार्क्स

घरवालों के चलते उनका एडमिशन फिर केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में हुआ जहां से उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी की। आपको बता दें कि आकाश को 10वीं में 55% आए थे। स्कूल के दिनों के बाद 2001 में उन्होंने बीकॉम किया और फिर एमकॉम करने जेएनयू चले गए।

पहले प्रयास में क्रेक किया यूपीएससी

आकाश ने 2006 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया और उनका सेलेक्शन हो गया। ऐसी कहानी है एक आईपीएस की जिसका ग्रेजुएशन तक कोई लक्ष्य नहीं था लेकिन जब मंजिल तय की तो मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी और मुकाम पर पहुंचे।

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