बीकानेर की बेटी तनुश्री पारीक की ‘असली हीरोपंती’ की कहानी, बॉर्डर फिल्म ने दिया जिंदगी को मकसद

हिंदुस्तान की बेटियों ने हर क्षेत्र में अपने आप को साबित किया और पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल सकती है और इसी के साथ हिंदुस्तान की बेटियां आज हर क्षेत्र में नाम कर रही हैं।। वह भारत के लिए म’र मि’टने के लिए तैयार है। आसमान हो या जमीन हर जगह है आज भारतीय महिलाओं का बोलबाला है। ऐसी ही कहानी है राजस्थान की तनुश्री पारीक की।

राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली तनुश्री पारीक बी’एसएफ यानी बॉ’र्डर सि’क्योरिटी फो’र्स में कार्यरत है। बॉलीवुड में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था बॉ’र्डर। इस फिल्म की कहानी भारतीय सेना पर केंद्रित थी। इसकी शूटिंग बीकानेर में हुई थी। जिसे दिखाने के लिए तनुश्री पारीक के पिता उन्हें लेकर गए। बस तब से ही तनुश्री का ध्यान और उनका सपना बन गया भारतीय सेना में भर्ती होकर करके देश की सेवा करना। उनके पिता उस फिल्म की फोटो को दिखा करके उन्हें प्रेरणा देते, उन्हें बता दें कि देश की सेना किस तरीके से बॉ’र्डर पर खड़े होकर की मेहनत करती है। बस तभी से तनुश्री ने ठान लिया।

तनुश्री ने अपने सपने को साकार करने के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया। बीकानेर में सीमा सुर’क्षा ब’ल यानी बी’एसएफ के कामकाज को देखना शुरू कर दिया। उन्होंने स्कूल में एनसीसी को भी ज्वाइन कर लिया जिसकी मदद उन्हें बाद में मिली। तनुश्री ने असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा का फॉर्म भरा और साल 2014 में फिजिकल टेस्ट के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया गया। जहां 18 सेकंड में उन्हें 100 मीटर की दौड़ लगानी थी,लेकिन तनुश्री की मेहनत और आत्मविश्वास इतना था कि उन्होंने मात्र 15 सेकंड में दौड़ पूरी कर ली। सभी परीक्षाएं पास करने के बाद वह देश की पहली महिला कॉ’म्बैट अफसर बनी।

अपने बचपन के सपने को उन्होंने साकार कर लिया। वह बताती है कि वह पैसों के लिए नहीं,अपने सपने को साकार करने के लिए भर्ती हुए हैं। बस उन्होंने पैशन को फॉलो किया हैं और इसी के चलते वर्दी की नौकरी में भर्ती हुई है। वे चाहती हैं कि उनसे प्रेरित होकर के और लड़कियां भी देश की सेना को ज्वाइन करें। बॉ’र्डर सि’क्योरिटी फो’र्स यानी बी’एसएफ को चुनने के पीछे उन्होंने बताया कि यही सेना की एक ऐसी इकाई हैं जो सी’मा पर मु’स्तैदी से सीमा की सुरक्षा करती है। दु’श्म नों से लड़ती है,इसलिए उन्होंने बी’एसएफ को चुना हैं।

मां को भी एक दिन चौका दिया

तनुश्री की मां बताती हैं कि तनुश्री ने उन्हें एक बार सरप्राइज कर दिया। बी’एसएफ अकादमी टेकनपुर के वीरांगना लक्ष्मीबाई ग्राउंड में पासिंग आउट परेड होनी थी। तनुश्री ने अपने पूरे परिवार को आमंत्रित किया और कहा कि वह भी इसमें हिस्सा लेने वाली है। खास बात यह थी कि इसमें तब के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी आने वाले थे। पूरा परिवार तो नहीं पहुंच पाया लेकिन तनुश्री की मां पहुंच तब कार्यक्रम में गई।

वह तब आश्चर्यचकित रह गई ,जब परेड को लीड करने वाली उनकी बेटी तनुश्री पारीक को उन्होंने देखा। वही राजनाथ सिंह ने तनुश्री को मैदान पर ही कंधे पर रैंक लगाकर बधाई भी दी थी। तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पूरे देश को उन पर गर्व है और वह चाहते हैं कि देश की बेटियां इस तरीके से सेना में भाग ले और देश की रक्षा करें।

अपने बचपन के सपने को साकार करके देश की पहली कॉ’म्बैट अफसर बनने वाली तनुश्री पारीक की कहानी वाकई हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं।

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