सरकारी कर्मचारी बोला – मैं जिंदा हूं, विभाग ने अपने ही कर्मचारी को कागजों में किया मृ’त घोषित

देश में ऐसे भी मामले सामने आ रही है जहां सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजस्थान के बीकानेर जिले के अस्पताल से,दरअसल बीकानेर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में काम करने वाले अपने ही कर्मचारी को मृ’त घोषित कर दिया। हम बात कर रहे हैं राजेश यादव की, राजेश यादव महाजन सीएचसी में अकाउंटेंट है।

पूरे मामले की बात करें तो राजेश यादव को 27 अक्टूबर को कोरोनावायरस हो गया था। 29 अक्टूबर को उनकी जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद राजेश यादव ने खुद होम आइसोलेट कर लिया। लेकिन स्वास्थ विभाग ने 2 नवंबर को राजेश यादव को कागजों में मृ’त घोषित कर दिया। कागजों के अनुसार राजेश यादव 29 अक्टूबर को पीबीएम अस्पताल में भर्ती थे और 2 नवंबर को उनकी मृ’त्यु हो गई थी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि पिछले 6 महीने से राजेश यादव लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन लापरवाही में उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया गया हैं।

फोन आया तब पता लगा मर चुके है राजेश : दरअसल पिछले दिनों राजेश यादव के पास समाज कल्याण विभाग से एक फोन आया। जिसमें बात कर रहे अधिकारी ने पूछा कि क्या आप राजेश यादव के रिश्तेदार बोल रहे हैं। राजेश का कोरोना नि’धन हो चुका हैं उन्हें सरकारी पैकेज मिल सकता है। जिस पर फोन उठाने वाले व्यक्ति ने कहा कि मैं जिंदा हूं और मैं खुद राजेश यादव बोल रहा हूं।

मामले की बात करें तो हेल्थ डिपार्टमेंट में बाल कल्याण विभाग को एक सूची जारी की थी। सूची के अनुसार राजेश यादव को मृ’त घोषित कर दिया। राजेश यादव कहते हैं कि कागजों के अनुसार वह अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन वह कभी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए। कोरोनावायरस संक्रमित होने के बाद घर पर ही उन्होंने इलाज किया, कोरोना को मत दे दी थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के अनुसार उन्हें मृत घोषित किया जा चुका है। बल्कि पिछले 6 महीने से लगातार राजेश यादव अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

जांच के दिए आदेश : मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉक्टर ओपी चहर भी दंग रह गए और उन्होंने मामले की जांच की बात कही है। इसके अलावा पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही मामला सामने आने के बाद चौक गए। उन्होंने कहा अस्पताल की आंकड़ों को देखा तो अस्पताल में राजेश यादव भर्ती ही नहीं थे। लेकिन मृत व्यक्तियों की सूची में राजेश यादव का नाम था। डॉक्टर सिरोही ने भी मामले की जांच करने की बात कही है। लगातार सरकार के ऊपर मृत आंकड़ों को लेकर सवाल उठ रहे थे। इस बीच ऐसा मामला सामने आ जाना उठ रहे सवालों पर सवालिया निशान खड़ा करता है। साथ ही सवालों को सच साबित करता हुआ दिख रहा है।

Add Comment

   
    >
राजस्थान की बेटी डॉ दिव्यानी कटारा किसी लेडी सिंघम से कम नहीं राजस्थान की शकीरा “गोरी नागोरी” की अदाएं कर देगी आपको घायल दिल्ली की इस मॉडल ने अपने हुस्न से मचाया तहलका, हमेशा रहती चर्चा में यूक्रेन की हॉट खूबसूरत महिला ने जं’ग के लिए उठाया ह’थियार महाशिवरात्रि स्पेशल : जानें भोलेनाथ को प्रसन्न करने की विधि