चुरू का बाबोसा धाम जहां नारियल बांधने से होती है मन्नत पूरी, चॉकलेट का चढता है प्रसाद

राजस्थान के चुरू जिले में श्री बालाजी बाबोसा मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है जहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है। बाबोसा मंदिर को चुरू का बाबोसा धाम भी कहा जाता है।

बाबोसा भगवान एक ऐसे देवता हैं जिनको श्रद्धालु अनेक रूपों में देखते हैं, कोई उन्हे कृष्ण के रूप में, कोई उन्हें विष्णु रूप में देखता है, तो कोई उन्हें बजरंगबली का रूप मानता है। भक्तों में सर्वाधिक बाला रूप में ही उनकी पूजा की जाती है।

मंदिर में मिंगसर शुक्ला पंचमी को बाबोसा भगवान के राजतिलकोत्सव यानि देव शक्ति धारण रूप में मनाया जाता है, वहीं माघ शुक्ला पंचमी जन्मोत्सव तथा भाद्रव शुक्ला पंचमी बाबोसा के निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

मंजू बाई सा के मुख से बोलते हैं बाबोसा

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंजू बाई सा बाबोसा की भक्त हैं जिनके मुख से बाबोसा बोलते हैं, मंजू बाई बाबोसा के देशभर में होने वाले कार्यक्रमों में जाती है। भक्तों का ऐसा मानना है कि बाईसा और बाबोसा में कोई फर्क नहीं है। आपको बता दें कि बालाजी बाबोसा का एक मंदिर दिल्ली के रोहिणी में भी बना है, मंजू बाईसा वहीं रहती है।

चॉकलेट का चढ़ता है प्रसाद

मंदिर परिसर में बालाजी की गोद में बाबोसा की मूर्ति विराजमान है जिसको लेकर कहा जाता है कि बाबोसा की बालरूप में पूजा की जाती है और बाबोसा हमेशा से बालाजी की गोद में ही रहे।

वहीं मंदिर के पुजारी ने बताया कि बाबोसा को बालरूप में पूजते हैं इसलिए भक्त चॉकलेट और टॉफी चढ़ाते हैं। इसके अलावा लोकमत एवं प्रचलित मान्यता के अनुसार मंदिर में नारियल बांधने से भी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है।

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