गाँव की छोरी बनी हॉकी प्लेयर जो जीत चुकी हैं कई खेलों में मेडल, कबड्डी, बेसबॉल में भी दिखाया दम

आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएगे जो एक नहीं तीन चार खेलों में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर चुकी है। इस वक्त वह चाहती है कि उसे और गांव में खिलाड़ियों को सुविधा अगर मिले तो वह भारत का नाम भी रोशन कर सकते हैं। दरअसल हम बात कर रही हैं राजस्थान के चुरू जिले के लुणास गांव की रहने वाली सुमन की।

सुमन ने बताया कि वह बचपन में ननिहाल में रहती थी। तब वहां एक पीटीआई सर उनसे मिले थे। तब पीटीआई ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरणा दी थी। लेकिन सुमन ने जब सवाल किया कि हॉकी क्या होती है तब सर ने एक पेड़ की डंडी तोड़ते हुए कहा कि कुछ इस तरीके से हॉकी स्टिक होती है। इसी से बॉल को मारना पड़ता है, उसके बाद सुमन उस खेल को खेलती चली गई और ऐसी लगन लगी कि वह कई मेडल भी जीत चुकी है।

सर ने ही अकादमी जाने की प्रेरणा दी

सुमन को जिस पीटीआई सर ने हॉकी खेलने के लिए प्रेरणा दी थी। उन्हीं ने सुमन को एकेडमी ज्वाइन करने के लिए भी कहा था। लेकिन सुमन आर्थिक स्थिति कमजोर थी और वह उन्हें मना कर कर के घर आ गई थी। लेकिन पीटीआई सर ने कहा कि आप केवल अपने कपड़ों और बाकी सामान को लेकर आइए, खाने पीने और फीस आदि सब का इंतजाम हम खुद करेंगे। उसके बाद सुमन गाजवास की एकेडमी में प्रैक्टिस करने के लिए चली गई थी

कई खेलो में जीत चुकी है मेडल

सुमन की कहानी हम आपको बताएं तो केवल हॉकी में नहीं कई अन्य खेलों में भी मेडल जीत चुकी हैं। हम आपको बताएं तो सुमन कबड्डी भी खेलती है। इस दौरान अपनी जिले में पहले स्थान पर आई थी। इसके अलावा सुमन बेस बॉल का गेम भी खेला करती है और ने बताया कि बेसबॉल के बारे में उनके खोजने प्रेरणा देते हुए उनसे कहा कि अगर क्रिकेट खेलना आता है तो बेसबॉल खेल सकती हो। इसके बाद सुमन का चयन चूरू की टीम और बाद में राजस्थान की टीम में हो गया था। उन्होंने बताया कि वह एक बार खेलने के लिए केरल भी गई थी। वहां उन्होंने महाराष्ट्र टीम को हराकर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान यानी ब्रोंज मेडल जीता था।

लोगो ने धूम धाम से किया था स्वागत

सुमन बताती हैं कि जब है केरल से जीतकर वापस आईं तब लोगों ने उनका बहुत स्वागत किया था। राजगढ़ में लोगों ने उन्हें फूल माला पहनाकर स्वागत किया था। वहीं गांव के लोगों ने उनके स्वागत के लिए डीजे,घोड़ी आदि का इंतजाम किया हुआ था। सभी लोगों को गर्व था कि गांव की लड़की ने राज्य का नाम रोशन किया है। इसके अलावा सुमन हॉकी में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर विनर रह चुकी हैं और उन्होंने कई बड़ी प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है। वहीं कुश्ती में भी सुमन जिला स्तर पर पहला स्थान हासिल कर चुकी है।

चोट के कारण एक साल तक नही खेल सकती

सुमन बताती हैं कि उन्हें खेलते समय एक बार बॉल लग गई थी। उसके बाद उनका ऑपरेशन हुआ और डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी है कि वह 1 साल तक खेल ना खेले। लेकिन सुमन बताती हैं कि वह जल्दी ठीक होकर सीनियर टीम के चयन प्रक्रिया के लिए तैयार होंगी। सुमन कबड्डी कुश्ती हॉकी में विजेता रह चुकी है। सुमन गाजवास अकैडमी मे प्रैक्टिस कर रही हैं, यह एकेडमी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है।

लड़कियों को यह संदेश

सुमन लड़कियों को संदेश देते हुए कहती हैं कि लड़कियों को हमेशा आगे बढ़ना चाहिए। उनके घर वालों को भी अपनी बेटियों को हमेशा सपोर्ट करना चाहिए। वह कहती हैं कि लड़कियां भी नाम रोशन कर सकती हैं और जिले और राज्य के साथ भारत का नाम रोशन करने का भी दमखम लड़कियां रखती हैं। सुमन को एक बार भारत के नामचीन खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया भी मिले थे और उन्होंने भी सुमन और उनकी टीम को सपोर्ट करते हुए कहा था कि आगे बढ़ता देश का नाम रोशन करो।

घर वालो को है गर्व

सुमन की माताजी कहती हैं कि उन्हें यह तो नहीं मालूम कि मेडल और ट्रॉफी लाने से क्या होता है। लेकिन वह चाहती हैं कि उनकी बेटी खेलों में अपने जीवन को बनाए। साथ ही हमारे परिवार का नाम रोशन करें। साथ ही सुमन के ताऊजी कहते हैं की आर्थिक स्थिति को खिलाड़ियों की पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है। अगर सरकार इन बातों पर ध्यान देगी तो सुमन जैसी कई अनेक लड़कियां भारत का नाम रोशन कर सकती हैं। वही हम आपको बताए तो सुमन कई अच्छी शायरियां भी सुनाती है।

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