बचपन में खोया हाथ बड़ा होकर जीता गोल्ड मैडल, चूरू के देवेंद्र झाझड़िया की ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी

आज की कहानी हैं खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया की। उनका जन्म 10 जून 1981 को झाझरिया की ढाणी रतनपुरा पंचायत राजगढ़ तहसील जिला चूरु राजस्थान के परिवार में हुआ। बचपन में उनके साथ एक घटना घटित हो गई, जब वह 8 साल के थे तब पेड़ पर चढ़ने के दौरान उन्होंने 11हजार वोल्ट के तार को छू लिया। जिसके कारण डॉक्टर को मजबूरन उनका बायां हाथ काटना पड़ा था।

उस वक्त उनके परिवार ने उन्हें हिम्मत दे और एथलीट बनने के लिए प्रेरणा देना शुरू कर दिया था। परिवार की प्रेरणा से देवेंद्र झाझरिया ने एथलीट बनने की ठानी और 10 साल की उम्र में अपने हाथ में भाला थाम लिया। जब वह कॉलेज में गए तब कॉलेज उन्हें पैरा ओलंपिक गेम्स का पता लगा। उस समय कुछ आरडी सिंह की नजर उन पर पड़ी। आरडी सिंह उन्हें बहुत प्रेरणा दी साथ ही उनके खेल को भी उभारने का काम किया। इसी के चलते साल 2004 में समर पैरा ओलंपिक में देवेंद्र ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।

साल 2016 में एक बार फिर समर रियो ओलंपिक में उन्होंने दूसरा गोल्ड जीता। 2013 में आईपीसी फ्रांस लियोन में एथलीट वर्ल्ड चैंपियनशिप में देवेंद्र ने एक बार फिर गोल्ड जीता। इसके बाद उन्हें इंडियन रेलवे में नौकरी मिल गई। साल 2014 में उन्होंने साउथ कोरिया में एशियन पैरा गेम्स में 2015 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीता।
देवेंद्र झाझरिया के नाम अब तक दो गोल्ड मेडल एक सिल्वर मेडल और एक ब्रोंज मेडल हैं। यह सभी पैरा ओलंपिक मेडल है।

देवेंद्र झाझरिया को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2004 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। 2012 में पद्मश्री से नवाजा गया। वहीं राजस्थान के खेल जगत के सबसे ऊंचे पुरस्कार महाराणा प्रताप पुरस्कार से उन्हें 2005 में सम्मानित किया गया। मई 2014 में एफआईसीसीआई पैरा खिलाड़ी स्पोर्ट्स मैन ऑफ द ईयर के अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

देवेंद्र झाझरिया भारत के जेवलिन थ्रोअर यानी भाला फेंक खिलाड़ी है और वह एकमात्र खिलाड़ी हैं जिनके नाम पैरा ओलंपिक में दो गोल्ड मेडल है। बचपन में हुए हादसे के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात एक कर के मेहनत करनी शुरू कर दी। ओलंपिक में दो बार भारत के तिरंगे का सम्मान रखते हुए उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया हैं। देवेंद्र झाझरिया स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी काम कर चुके हैं।

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