चूरू की बेटी आईएएस मंजू राजपाल के संघर्ष से लेकर बेस्ट जिला कलेक्टर तक के सफर की कहानी

पुरुष प्रधान देश भारत में बेटियां देश का नाम हर क्षेत्र में ऊंचा कर रही है। आज हर क्षेत्र में भारत की बेटियां भारत के परचम को लहरा रही हैं। देश की बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं। फिर वह चित्रकला, साहित्य, खेल या सेवा आयोग आदि कोई भी क्षेत्र हो। आज की कहानी हम आपको बताएंगे मंजू राजपाल की। मंजू साल 2000 बैच की संघ लोक सेवा आयोग की टॉपर है। आईएएस मंजू राजपाल चूरू की रहने वाली हैं।

राजस्थान की रहने वाली मंजू को जिस क्षेत्र में पोस्टिंग के तौर पर भेजा गया, वहां उन्होंने अपने काम से बता दिया कि वह किसी से कम नहीं। मंजू ने अपने इलाके में एपीओ भी लागू नहीं होने दिया। वह भीलवाड़ा,अजमेर, सीकर, डूंगरपुर जैसे शहरों में डिप्टी कलेक्टर के तौर पर अपनी सेवा दे चुकी हैं। मंजू ने जब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का एग्जाम पास किया तो पास करते ही वह एसडीएम बनी। उन्होंने अपने इलाके में योजनाओं को बड़े प्रभावी ढंग से लागू किया। मंजू राजपाल ने आदिवासी इलाकों में अलग से छाप छोड़ी है। क्षेत्र में उनको बड़े ही अलग अवतार में देखा जाता हैं।

2006 में मंजू राजपाल ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को बड़े ही प्रभावी ढंग से लागू करवाया। इस काम के लिए उन्हें बेस्ट कलेक्टर के पुरस्कार से भी नवाजा गया। वहीं साल 2019 में जब गहलोत सरकार ने अपना बजट तैयार किया तो मंजू बजट बनाने वाले पांच अफसरों में शामिल थी। यह पांच अफसर थे निरंजन राय, आर्य मुख्य सचिव, वित्त  शासन वित्त सचिव (राजस्व) डॉ पृथ्वीराज, शासन सचिव वित्त (बजट) मंजू राजपाल, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) सुधीर शर्मा और निदेशक वित्त बजट शरद मेहरा।

सभी पांचों अफसरों की तस्वीर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ 2019 में खूब वा’यर ल हुई थी। कारण था इन सभी के साथ एक मात्र आईएएस अफसर का खड़ा होना। 5 अफसरों ने साल 2019-20 का बजट राजस्थान के लिए बनाया था। आईएएस मंजू राजपाल बेखौफ और निडर हैं। उनके जीवन में बेहद परेशानियों आई लेकिन वह सभी मंजू के हौसले के सामने छोटे पड़ गई। मंजू के आत्मविश्वास ने उन्हें गिरने नही दिया। वह देश की हमेशा आगे रही। कई बेटियों को उन्होंने गोद लिया है, साथ ही डूंगरपुर इलाके में लोगों की सेवा के लिए बहुत अच्छे काम किए हैं।

चुनौतीपूर्ण रहे अपने शुरुआती करियर में डगमगाए बिना आईएस मंजू राजपाल ने लोगों की सेवा करने की ठानी है। चूरू की बेटी आईएएस मंजू राजपाल से आपको क्या प्रेरणा मिली, कमेंट बॉक्स में जरूर बताये !

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