सुजानगढ़ के कपिल चौधरी मेहनत और जुनून से बने RAS, पटवारी, LDC से लेकर एसआई पदों पर भी हो गया था चयन

एक किसान पुत्र, पढ़ाई में बिल्कुल सामान्य लेकिन जुनून के पक्के युवा की कहानी हर किसी को प्रेरणा से लबरेज कर देती है। ऐसी ही एक कहानी आज आपको बताएंगे जहां असफलता को  सफलता में बदलकर एक शख्स ने आरएएस बनकर खुद को साबित किया।

“मन चंगा तो कठौती में गंगा।”

इस कहावत को चरितार्थ करने वाले चुरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में रहने वाले कपिल चौधरी है जिनका जन्म ओम प्रकाश और परमेश्वरी के घर हुआ। कपिल के पिता सामान्य किसान हैं तथा माता राजकीय  प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका हैं।

पढ़ाई के दिनों में रहे सामान्य छात्र

कपिल ने सुजानगढ़ से 10वीं की परीक्षा में 70 फीसदी अंक हासिल किए वहीं 12वीं की परीक्षा में वह सामान्य श्रेणी से पास हुए जिसके बाद उन्होंने बीकानेर से बीटेक किया। कपिल कहते हैं कि मैं एक सामान्य स्तर का लड़का रहा हूं।

वह आगे जोड़ते हैं कि मैंने कभी भी किसी चीज को खुद पर हावी नहीं होने दिया और सपना साकार करने की दिशा में संकल्प लिया। कपिल चौधरी ने कहा आपके पहले प्रयास में जितनी मेहनत होती है, उतनी दूसरी बार नहीं की जा सकती है। कपिल को इस बार 129वीं रैंक मिली है जिसमें वह अपनी माता और बहन प्रियंका को धन्यवाद देते हैं।

उन्होंने कहा कि इस बीच में मेरा एसआई में सेलेक्शन हो गया था लेकिन मैंने इंटरव्यू देने के बजाय आरएएस बनने का प्रण लिया। बता दें कि इससे पहले कपिल का सेलेक्शन एलडीसी, ग्राम सेवक, पटवारी, फर्स्ट ग्रेड, एसआई आदि पदों पर हो चुका है। इसके अलावा 2016 की आरएएस सूची में भी कपिल को 534 वीं रैंक मिली थी।

कपिल कहते हैं कि सफलता केवल  जवानी मांगती है, उसमें या तो सफल हो जाओ या फिर जिंदगी के मजे ले लो। कपिल का मानना है कि जिंदगी में “काश और बेचारा” शब्दों के लिए कोई भी जगह नहीं होती है।

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