राजस्थान के प्रसिद्ध शायरी वाले मास्टरजी सुभाष चारण सर के जीवन, शिक्षा से जुडी दिलचस्प बातें

शिक्षा रुचि ध्यान की,
मंजिल होगी आसान।
काम नहीं अभिमान का,
रखना पूरा ध्यान।

दोस्तों नमस्कार।

दोस्तों आज मैं आपको चूरू (Churu) के लाल सुभाष जी चारण (Subhash Charan) से मिलवाने जा रहा हूं। जो सामान्य ज्ञान विशेषज्ञ है। और बहुत कम समय में ही नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते हुए जा रहे हैं। जब उनसे पूछा कि आप तो मारवाड़ी भाषा बोलने वाले हैं। आपने कब हिंदी भाषा बोलनी शुरू कर दी। इसका जवाब देते हुए वह कहते हैं कि मायड भाषा को तो आनंद ही न्यारो है। हिंदी तो पार्किंग जैसी है।

वह कहते हैं कि जब तक मैं सीकर (Sikar) में रहा तब तक तो मारवाड़ी भाषा को ही तरजीह दी। लेकिन जब यूपी बंगाल बिहार या अन्य स्टेट में मारवाड़ी भाषा को समझते ही नहीं है तो हिंदी भाषा बोलनी जरूरी हो गई। इसलिए हिंदी भाषा बोलता हूं सबके भले के लिए।

आजकल शायरी भी बोलने लग गए हो, के जवाब में वह कहते हैं कि मैं जाति से चारण हूं, तथा हमें करणी माता का आशीर्वाद मिला हुआ है कि आप बोल के ही कमा सकते हैं। दूसरी बात मेरे हिंदी साहित्य (Hindi Literature) रहा है इसलिए भी शायरी का प्रयोग करना अच्छा लगता है।

शिक्षा
********

जब उनसे पूछा कि आपकी शिक्षा कितनी है तो उन्होंने कहा कि मैं जियोग्राफी (Geography) से इतिहास (History) से और हिंदी साहित्य से ट्रिपल एमए हूं। पीजीडीसीए कंप्यूटर का डिप्लोमा किया है। ओ लेवल के दो कोर्स मैंने पास किए है। उसके बाद में यह लाइन छोड़ दी।

LockDown में आपको कितना नुकसान हुआ के बारे में वह बताते हैं कि जितना नुकसान टीचर लाइन का हुआ है उतना किसी का नहीं हुआ। अध्यापक सभी LockDown के समय में बेरोजगार हो गए, जबकि इनके ऊपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी परिवार की होती है। हमने सुना है कि आप गुरुकुल खोल रहे हैं इसमें कितनी सत्यता है का जवाब देते हुए वह कहते हैं कि शतप्रतिशत। मैं गुरुकुल खोलूंगा। जिसमें नाममात्र की फीस होगी और गरीब बच्चों के लिए पढ़ाई का सबसे अच्छा जरिया होगा।

ऑनलाइन पढ़ाई और ऑफलाइन पढ़ाई के बारे में सुभाष जी कहते हैं कि जो ऑफलाइन नहीं पढ़ सकते। उनके लिए ऑनलाइन सबसे अच्छा जरिया है लेकिन जो पढ़ सकते हैं उनके लिए ऑफलाइन का कोई तोड़ नहीं है। सब कहते हैं कि सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए। जबकि वह सोशल मीडिया पर ही बोल रहा है। सब कहते हैं कि चाइना का मोबाइल मत खरीदो और चाइना के मोबाइल से ही बोल रहा हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि सोशल मीडिया आज की आवश्यकता है और इसके बिना काम नहीं चल सकता।

बहुत लोग कहते हैं कि आपको कुछ नहीं आता। के जवाब में वह कहते हैं की यूट्यूब पर साढ़े पांच सौ वीडियो क्या उनके पापा ने डालें है। और भी कई बातों का जवाब देते हुए वह कहते हैं कि सब अपने अपने नसीब का खाते हैं ।

हिंदी और इंग्लिश के अंतर के बारे में पूछने पर सुभाष जी कहते हैं कि यदि आपको भारत लेवल की नौकरी करनी है। तो आपको इंग्लिश आनी बहुत जरूरी है। क्योंकि यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में बिना इंग्लिश के काम नहीं चलेगा। जबकि यदि आपको राजस्थान लेवल की ही परीक्षा पास करनी है तो इंग्लिश इतनी जरूरी नहीं है। आप अकेली हिंदी में ही सब परीक्षा पास कर सकते हो।

एक बच्चे को कितनी बार कोचिंग करनी चाहिए। इसका जवाब देते हुए वह कहते हैं कि कोचिंग केवल एक बार करनी चाहिए। इससे ज्यादा बार यदि कोचिंग करता है तो अपना समय गंवाता है। आप किसी भी कोचिंग में ज्यादा समय तक नहीं रुकते हो क्या कारण है, का जवाब देते हुए वह कहते हैं कि कोचिंग मालिक को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए। जो टीचर ज्यादा पॉपुलर होगा उसकी तरफ बच्चे ज्यादा आकर्षित होंगे।

पढाने में क्या अंतर है का जवाब देते हुए वह कहते हैं की एक पिक्चर 3 घंटे की होती है वह हमारे याद रह जाती है और एक अध्यापक एक घंटे पढ़ाता है वह याद नहीं रहता है। इसका मुख्य कारण है ध्यान देने का। आप यदि पूरा ध्यान दोगे तो आपको सब कुछ याद रहेगा इसलिए पढ़ाई का तरीका इस तरह का होना चाहिए कि बच्चे उसकी तरफ आकर्षित हो।

सब्जेक्ट के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि सब्जेक्ट रूचि के अनुसार, पारिवारिक स्थिति के अनुसार ही लेना चाहिए। वरना जितनी सफलता मिलनी चाहिए उतनी नहीं मिलेगी।

अपने विचार।
************

सर सरल स्वभाव के,
खुशी मिले अपार।
ज्ञान तो ज्ञान मिले,
मिले ज्ञान संग प्यार।

विद्याधर तेतरवाल,
मोतीसर।

Add Comment

   
    >