पिता की राह पर गाँव की 2 सगी बहनों का आईएएस तक का सफर, अनामिका और अंजलि मीणा की कहानी

आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताएंगे जिसे सुनकर बिल्कुल भी अचंभित नहीं होंगे आपको गर्व होगा भारत की बेटियां लगातार भारत का का नाम रोशन कर रही। आज बात करेंगे राजस्थान की दो ऐसी बहनों की जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर के गांव का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दौसा जिले की सिकाई उपखंड के गांव खेड़ी रामला की रहने वाली अनामिका और अंजलि मीणा की। आपको बताए तो दोनों बहनों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है और दोनों बहने इस वक्त आईएएस की ट्रेनिंग ले रही है।

अनामिका मीणा और अंजलि मीणा की शिक्षा की बात करें तो दोनों बहने पढ़ाई में भी अव्वल थी। आपको बताएं तो अनामिका मीणा और अंजलि मीणा ने चेन्नई के पदमशेषाद्री स्कूल चेन्नई से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। अनामिका मीणा एनआईटी तत्रिचू से इलेक्ट्रिकल एवं कम्युनिकेशन विषय में बीटेक की पढ़ाई कर चुकी है। साल 2014 में उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की थी। वही अंजलि मीणा की बात करें तो उन्होंने आईआईटी मद्रास एमटेक की पढ़ाई की है।

नौकरी छोड़ बनी आईएएस

अनामिका मीणा और अंजलि मीणा दोनों ही बहनें पढ़ाई में होशियार थी। दोनों बहनों की पढ़ाई पूरी ने के बाद नौकरी लग गई थी। अनामिका मीणा एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रही थी। वही अंजलि मीमीणाना भी एक निजी कंपनी में नौकरी कर रही थी। अनामिका मीणा बताती हैं कि नौकरी के दौरान उन्हें नौकरी में बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था। उन्होंने कहा कि नौकरी करते हुए दौरान उन्हें ऐसा लगा कि उनकी जिंदगी के अंदर सामाजिक प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वह जमीनी स्तर पर लोगों के साथ, लोगों के लिए काम करना चाहती थी। लेकिन निजी कंपनी में नौकरी के दौरान उन्हें ऐसा बिल्कुल ही महसूस नहीं हुआ कि वह लोगों की मदद कर पा रही है। दोनों बहनों ने नौकरी छोड़ कर के 2017 में दिल्ली आकर कोचिंग लेना शुरू कर दिया था। जिसके बाद दोनों बहने लगातार यूपीएससी की तैयारी करने लगी।

दोनों बहनों ने दिल्ली में आकर कोचिंग लेना शुरू कर दिया था। दोनों बहने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आपको बताएं तो अनामिका ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है। वही अंजलि मीणा ने केवल दूसरे प्रयास में ही इस परीक्षा को पास कर लिया है। जब आईएएस के परिणाम जारी हुए तो दोनों बहने आईएएस बन चुकी थी। अनामिका ने ऑल इंडिया में 116वी रैंक हासिल की है। वही अंजलि ने 494वी रैंक हासिल की है। दोनों बहनों के पिता रमेश चंद्र मीणा भी साल 1991 बैच के आईएएस अफसर है। उनके पिता ने अपने तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा को पास किया था।

पिता की राह पर बेटियां

अनामिका और अंजलि के पिता रमेश चंद्र मीणा 1991 बैच के आईएएस अफसर है। रमेश चंद्र मीणा तमिल कैडर के आईएएस अफसर है और वह इस समय में तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्रालय में प्रिंसिपल सेक्रेटरी की तौर पर कार्यरत है। आपको बताए तो दोनों बहनों का बचपन तमिल में ही बीता था, वही दोनों बहनों की पढ़ाई भी तमिलनाडु में ही हुई है।

कामयाब हैं पूरा परिवार

जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि रमेश चंद्र मीणा खुद आईएएस है। साथ ही उनकी दोनों बेटियां भी अब आईएएस अफसर बन चुकी हैं। वहीं उनके बेटे की बात करें तो उनका बेटा सिटी बैंक में नौकरी कर रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रमेश चंद्र मीणा ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी हैं। साथ ही पूरा परिवार कामयाबी हासिल कर चुका है।

आईएएस बन करना चाहती हैं यह काम

अनामिका ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह महिलाओं के लिए काम करना चाहती हैं। वे कहती हैं कि महिलाओं को शिक्षा देना बेहद जरूरी है। वे कहती हैं कि महिलाओं खासकर प्राथमिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए। साथ ही महिला सुरक्षा के ऊपर भी वह काम करना चाहती हैं। वह कहती हैं कि अगर महिलाओं को शिक्षित किया जाएगा,तो उन्हें कानून में मौजूद उनके अधिकारों के बारे में पता होगा। इसलिए महिलाओं को शिक्षित करना बेहद जरूरी है। अनामिका मीणा इस वक्त आईएएस की ट्रेनिंग ले रही है, वह मसूरी में अपना प्रशिक्षण कर रही है।

गांव को हैं गर्व

राजस्थान के दौसा जिले की रहने वाली दोनों बहने जब आईएएस बनने के बाद गांव पहुंची तो गांव के लोगों ने उन्हें हाईवे पर ही स्वागत करने के लिए तमाम तैयारियां कर रखी थी। आपको बताएंगे तो दोनों बहनों के स्वागत के लिए गांव वालों ने एनएच-21 पर ही तैयारियां करके रखी हुई थी। दोनों बहने जब गांव में पहुंची तब गांव वालों ने स्वागत में डीजे बजवा या साथ ही महिलाओं ने राजस्थान के लोक गीत गाकर बहनों का स्वागत किया। दोनों बहनों ने गांव में आकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और लोगों के साथ जश्न मनाया। गांव वासियों का कहना है कि रमेश चंद मीणा के बाद उनकी बेटियों ने भी गांव का नाम रोशन कर दिया है।

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