एक ही चिता पर हुआ पति पत्नी का अंतिम संस्कार, पत्नी की याद में पति के निकले प्राण

राजस्थान के सीकर से एक ऐसा मामला सामने आया जो पुरानी कहावत और पति पत्नी के प्रेम को सत्य साबित करता हुआ नजर आ रहा है। हिंदू धर्म में शादी के समय एक वचन लिया जाता है कि हम साथ जिएंगे साथ मरेंगे, इसी वचन को निभाने जैसी एक घटना राजस्थान के सीकर जिले के, लक्ष्मणगढ़ गांव काछवा से सामने आई है।

दरअसल मामला यह है कि पत्नी की मृत्यु के महज 7 घंटे बाद ही पति ने भी अपने प्राण त्याग दिए। पूरे मामले की बात करें तो लक्ष्मणगढ़ के गांव काछवा में 75 वर्षीय भंवरी देवी की तबीयत अचानक बुधवार रात को खराब हो गई उन्हें अस्पताल ले जाया जाता उससे पहले ही भंवरी देवी की मृत्यु हो गई। इसके बाद सभी परिजन और उनके परिवार वाले उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां कर रहे थे, इतने में ही भंवरी देवी के पति 78 वर्षीय रामगोपाल शर्मा ने अचानक वहां मौजूद रिश्तेदारों से कहा कि “मन्ने भी जाबा दयो” और इसके बाद उनकी भी मृत्यु हो गई। दरअसल राजस्थानी भाषा में इस पंक्ति का मतलब होता है कि अब मुझे भी जाने दो।

रामगोपाल शर्मा और भंवरी देवी के पुत्र शंकरलाल ने बताया कि उनकी मां डायबिटीज की शिकार थी और इसी कारण बुधवार रात को उनकी तबीयत खराब हुई उसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया और सुबह उनके पिता ने भी अचानक हम सबको अलविदा कह दिया। आपको बताएं इसके बाद दोनों पति पत्नियों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र शंकरलाल ने उन्हें चिता दी। शंकरलाल और भंवरी देवी के दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।

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