राजस्थान की मशहूर “ट्री वुमन” अनुपमा तिवाड़ी की प्रेरणादायक कहानी जो खुद है एक जानी मानी कवयित्री

हम आपके लिए हर रोज एक प्रेरणा देने वाली कहानी लाने का प्रयास करते हैं। इसके पीछे हमारा मकसद केवल एक ही है कि दुनिया में अच्छे काम करने वाले लोगों से आप हम प्रेरणा ले और जीवन में हम भी जनहित के कुछ कार्य करें। आज हम आपको कहानी बताएंगे अनुपमा तिवाड़ी की।

अनुपमा तिवाड़ी राजस्थान में रहती है, वह राजस्थान की एक मशहूर कवित्री भी है। बचपन से उन्हे लिखने का शौक है। बस उसी को वह फॉलो कर रही हैं। लेकिन इसके अलावा भी अनुपमा तिवाड़ी एक बेहतरीन काम कर रही हैं, वह काम है पेड़ लगाने का। आपको बताएं कि एक बार अनुपमा तिवाड़ी ने अपने घर के आस-पास ही छोटे-छोटे पौधे लगाए,जिसके बाद वह पौधे बढ़कर के पेड़ का रूप लेने लगे।

उसके बाद अनुपमा तिवाड़ी को प्रेरणा मिली और उन्होंने और ज्यादा पेड़ लगाने की सोची। 30 से शुरू हुई गिनती को अनुपमा तिवातिवाड़ीरी अब तक 10 हजार तक पहुंचा चुकी है,आपको बताएं कि अनुपम तिवाड़ी अब तक 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगा चुकी हैं। वह राजस्थान में ट्री वुमन के नाम से जानी जाती हैं।

घर पर ही उगाती हैं सब्जियां

इसी के साथ अनुपमा ने अपने घर की छत को ही खेत का रूप दे दिया है। वह गन्ने वाले से गन्ने के छिलके,सब्जी वालों से सब्जी के छिलके, बाटी बनाने वालों से राख लेकर आती हैं और इन सभी चीजों का इस्तेमाल करके घर में ही सब्जियों उगा देती हैं। यह काम वह कई सालों से करती हुई आ रही है, उन्होंने घर पर ही सब्जियां उगा रखी है। उनकी उगाई सब्जियों में बैंगन,भुट्टे,करेले,भिंडी टमाटर आदि सब्जियां है। वह घर की शुद्ध सब्जियां खाती हैं। इसके अलावा वह चीकू, अनार,अमरुद,नींबू के पेड़ लगा चुकी है।

ऐसा नहीं है कि अनुपमा पेड़ लगाने के बाद भूल जाती हैं। वह डायरी में हर पेड़ का हिसाब रखती हैं और उनका रखरखाव भी करती है। पेड़ लगाने का उन्होंने एक अनोखा तरीका निकाला है। वह पेड़ों को पुलिस स्टेशन, दफ्तर,स्टेडियम,बस स्टैंड,सरकारी व प्राइवेट कॉलेज,अस्पताल,पार्क या सड़क के किनारे लगा देती हैं। जिससे पेड़ों का रखरखाव उनके अलावा अन्य लोग भी कर सकें।

अनुपमा तिवाड़ी का लक्ष्य है कि वह एक लाख पेड़ लगाएं और वह इस लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही हैं। उनके पति भी उनको इस काम के लिए प्रेरणा देते हैं,वह भी पर्यावरण को बचाने की इस मुहिम में उनके साथ काम करते हैं। अनुपमा का मानना है कि पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं और एक पेड़ के कई फायदे होते हैं। वह कहती हैं कि हर व्यक्ति को एक ना एक पेड़ तो जरूर लगाना चाहिए। जिससे हम पर्यावरण को बचा सके,अनुपमा जहां भी जाती हैं वहां बीज लेकर जाती हैं और सब्जी या फल का पेड़ लगा देती हैं। इसी के साथ अनुपमा साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखती हैं। वह गली की भी साफ-सफाई करती हैं, जिससे आसपास एरिया स्वच्छ और सुंदर बना रहे। इसके अलावा अनुपमा की बात करें तो वह सरकारी स्कूलों में जाकर के टीचर को हिंदी की ट्रेनिंग भी देती है। वह राजस्थान की एक मशहूर कवयित्री भी है और अच्छी-अच्छी कविताएं भी लिखती हैं।

कविता लिखने के साथ-साथ में पर्यावरण को बचाने का एक नेक काम भी कर रही है। वाकई अनुपमा देश हित में एक बेहतरीन कार्य कर रही हैं। उनसे प्रेरणा लेकर, हम सब को भी प्रण लेना चाहिए कि हम भी पर्यावरण को बचाएं। जिस तरीके से कोरोनावायरस जैसी महामारी में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है,इसके चलते सीख लेने वाली बात यह है कि हमें ऑक्सीजन देने वाले पेड़ को बचाना होगा। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी हम लोग सुरक्षित रहेंगे।

Add Comment

   
    >
राजस्थान की बेटी डॉ दिव्यानी कटारा किसी लेडी सिंघम से कम नहीं राजस्थान की शकीरा “गोरी नागोरी” की अदाएं कर देगी आपको घायल दिल्ली की इस मॉडल ने अपने हुस्न से मचाया तहलका, हमेशा रहती चर्चा में यूक्रेन की हॉट खूबसूरत महिला ने जं’ग के लिए उठाया ह’थियार महाशिवरात्रि स्पेशल : जानें भोलेनाथ को प्रसन्न करने की विधि