राजस्थान में चूरमे का पहाड़, JCB से मिलाया 240 क्विंटल चूरमे का प्रसाद ~देख के रह जाओगे भौचक्के

जयपुर: राजस्थान का पारंपरिक व्यंजन दाल, बाटी और चूरमा का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन आपने कभी चूरमे का पहाड़ देखा है? नहीं देखा तो अब देख लीजिए। जी हां, राजस्थान में कोटपुतली मेले के लिए इन दिनों चूरमे तैयार किए जा रहे है जिसके लिए जेसीबी (JCB) मशीनें लगाई गई हैं। इस चूरमे को तैयार करने के लिए ट्रक और ट्रैक्टर में लादकर चूरमा लाया जा रहा है।

इतना ही नहीं, इन चूरमे के लिए थ्रेसर मशीनों का भी उपयोग किया जा रहा है। लेकिन मजे की बात तो यह है कि जिस जेसीबी से हमने आज तक बस पहाड़ की खुदाई होते देखी है वो जेसीबी चूरमे में बूरा और मेवा मिला रही है।

कब होगा लक्खी मेला

शुक्रवार को लक्खी मेला शुरु हो रहा है। यह मेला कोटपुतली के पौराणिक मान्यता वाले कुहाड़ा के छापाला भैंरुजी मंदिर में होगा। पिछले 11 सालों से यहां एक महीने पहले ही तैयारियां शुरु हो जाती है। हर साल होने वाले इस उत्सव में हजारों ग्रामीण एकजुट होते है।

240 क्विंटल के चूरमे की बनती है प्रसादी

हर साल होने वाले इस मेले के लिए 240 क्विंटल चूरमे का प्रसाद बनता है। इस प्रसाद में 50 क्विंटल चीनी, 3 क्विंटल काजू,13 क्विंटल घी और 2 क्विंटल किशमिश मिलाई जाती है जिसके लिए जेसीबी की मदद ली जाती है। इन सब समान को ट्रेक्टरों में भरकर इसे पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं इस चूरमे के साथ – साथ क्विंटल दही और 25 क्विंटल दाल भी बनाई जाती है।

हेलीकॉप्टर से होगी पुष्पवर्षा

शनिवार के दिन सुबह के समय कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस वार्षिकोत्सव में रविवार को भंडारा और दिन के समय धमाल कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में कई कलाकार धमाल प्रस्तुत करते हैं। इस उत्सव के दौरान भैरु बाबा मंदिर पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की जाती है। जो इस उत्सव में सबसे आकर्षण केंद्र होता है।

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