हाईटेक किसान खेमाराम की सालाना कमाई 1 करोड़ रूपए, गाँव को बना डाला मिनी इजरायल, जानें!! कैसे ?

आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताएंगे जिसे सुनकर आप शत प्रतिशत आश्चर्यचकित हो जाएगें। कहानी एक ऐसे किसान की जिसका घर में कुछ साल पहले तक कर्ज में डूबा था, आर्थिक तंगी की वजह से खाना भी समय पर नहीं मिल पाता था। लेकिन उसकी मेहनत और उसकी लग्न की वजह से आज उसका टर्नओवर 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का हो गया हैं, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जयपुर जिले के गांव गुड़ा कुमावतान के रहने वाले खेमाराम चौधरी की।

पढ़ाई की बात करें तो खेमाराम चौधरी के वाले 9वी कक्षा तक पढ़े हैं। लेकिन खेती के हुनर की वजह से उन्हें किसी डिग्री या पहचान की जरूरत नही हैं। उन्होंने आज अपनी मेहनत से अपने इलाके को मिनी इजरायल बना लिया है। साल 2006-07 में उन्होंने ड्रिप इरिगेशन को अपनी 18 बीघा जमीन में लगाया। इसका फायदा यह था कि इससे फसल में जरूरत के हिसाब से पानी मिल जाता है और लागत भी कम आती है। उन्होंने यह चीज सरकार की मदद से की इसके बाद सरकार ने उन्हें इजरायल भेज दिया। इजरायल जाने के बाद उन्होंने खेती का नया तरीका अपनाया, 2014 में खेमाराम ने इजरायल के तर्ज पर संरक्षित खेती शुरू कर दी। देखते ही देखते अब 300 से ज्यादा पॉलीहाउस बना दिए हैं।

खेमाराम चौधरी ने सरकार की मदद से पहले एक पॉलीहाउस लगाया यह पॉलीहाउस 4000 वर्ग मीटर में फैला हुआ था। गवर्नमेंट की सब्सिडी से उन्होंने यह पॉलीहाउस लगाया और देखभाल शुरू कर दी जिसके बाद देखते ही देखते मुनाफे होने लगा। उन्होंने सबसे पहले ही खीरे और खरबूजे की खेती की। बैंक से लोन लेकर खेती करना शुरू कर दिया, लेकिन खेती से उन्हें पहले 4 महीने में ही कई लाख रुपए का मुनाफा हो गया।

जिसके बाद खेमाराम चौधरी को समझ में आ गया कि खेती ही अब उनके लिए सही विकल्प है। हेमाराम चौधरी की बात करें तो अब उनके 7 पॉलीहाउस है और उनके दो तालाब भी है। उन्होंने सरकार की मदद से फैन पैड भी लगवाया हुआ है। फैन पैड की मदद से पूरे साल में किसी भी फसल को उगाया जा सकता है। वहीं बिजली को बचाने के लिए हेमाराम चौधरी ने 40 किलो वाट का सोलर पैनल भी लगवाया हुआ है।

वह बताते हैं कि कुछ साल पहले तक उनको खेती घाटे का सौदा लगती थी,5 साल पहले तक उनके पास ₹1 भी नहीं था। आर्थिक तंगी की वजह से समय पर खाना भी नहीं मिल पाता था, लेकिन जब उन्होंने एक खेती की असलियत को पहचान आज उन्हें समझ में आया कि यह काम तो फायदे का है। आज वह सालाना 1 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाते हैं और केवल खरबूजे और खीरे की फसल उगाते हैं। खेमाराम कहते हैं कि खरबूजा और खीरे की फसल उगाने मे लागत जरूर ज्यादा आती है, लेकिन मुनाफा भी कहीं अधिक होता है।

खेमाराम चौधरी से प्रभावित होकर कई किसानों ने उनकी देख हम देख यह कार्य करना शुरू कर दिया है और अब उनके आसपास 300 से ज्यादा पॉलीहाउस बन गए। खेमाराम चौधरी के क्षेत्र को मिनी इजरायल के नाम से भी जाना जाता है। खेमाराम चौधरी को इस हुनर और कार्य के लिए 2015 में महिंद्रा की तरफ से कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने नेशनल पुरस्कार से भी सम्मानित किया है।

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