2 मशीनों की मदद से बनाने लगे कारपेट, आज करते हैं 40 हजार कारीगरों के साथ करते हैं 18 मिलियन का कारोबार

आज हम आपको जो कहानी बता रहे हैं उससे आप अपने निजी जीवन में कई सबक ले सकते हैं। हम बात कर रहे हैं जयपुर के नंद किशोर चौधरी की जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों की मदद करने में लगा दिया।

नंदकिशोर चौधरी का जन्म 13 जून 1953 को राजस्थान के चुरू जिले में हुआ था। नंदकिशोर जयपुर रुग्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है।

बचपन से करना चाहते थे कुछ बड़ा

नंदकिशोर की बात करें तो बचपन से ही कुछ अलग करना चाहते थे। इनके पिता का जूते का व्यापार था लेकिन पिता के व्यापार में उनका जाने का मन नहीं था। वह कारपेट का व्यापार करना चाहते थे इसी को लेकर साल 1978 में उन्होंने एक छोटी सी शुरुआत की।

एक बड़े विज़न के साथ आगे बढ़े

नंदकिशोर चौधरी ने साल 1978 में कारपेट के बिजनेस की शुरुआत की थी। नंदकिशोर ने एक सामाजिक व्यापार का मॉडल स्थापित किया और जयपुर रुग्स के नाम से एक कंपनी स्थापित की थी।

उन्होंने गरीब लोगों को इसके साथ जोड़ने का काम किया और एक सप्लाई चेन तैयार की। वह सीधे इंसान की गुणवंता और स्किल के अनुसार जमीनी स्तर पर गांव के लोगों और महिलाओं को बाजार के साथ जुड़ना चाहते थे। वह गांव के लोगों को अमेरिका जैसे तमाम देश व दुनिया तक पहुंचाना चाहते थे।

2 मशीन के साथ की शुरुआत

साल 1978 में नंदकिशोर ने अपना व्यापार दो मशीन और 9 कारीगरों के साथ शुरू किया था। लेकिन आज नंदकिशोर चौधरी का कारोबार 40000 कारीगरों और 10 से ज्यादा राज्यों में बढ़ चुका है।

आपको बता दें कि उनकी कंपनी भारत की कारपेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इसके अलावा नंदकिशोर की कंपनी विदेशों में भी हाथ से बने हुए कारपेट तथा अन्य सामान व अन्य उत्पाद एक्सपोर्ट करती है।

करोड़ों का कारोबार, बच्चे भी करते है मदद

नंदकिशोर चौधरी की कंपनी का कारोबार 18 मिलियन डॉलर का है। उनकी पत्नी का नाम सलोचना है और 5 बच्चे हैं जो सभी अपने पिता का व्यापार आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।

कई बड़े-बड़े पुरस्कार से हो चुके है सम्मानित

नंदकिशोर चौधरी को उनके बेहतरीन कामों के लिए कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2010 में उन्हें ERNST & YOUNG ENTREPRENEUR OF THE YEAR के खिताब से नवाजा जा चुका है।

इसके अलावा साल 2010 में पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा उन्हें बेस्ट एंटरप्रेन्योर के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है तो साल 2011 में उन्हें भारत के प्राइड अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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