झुंझुनू की बेटी आईएएस फराह हुसैन की सफलता की कहानी, पिता के नक्शे कदम पर चल किया नाम रोशन

मन में विश्वास और लगन हो तो किसी भी पद पर बैठा जा सकता है। यही साबित किया 2015 की आईएएस फराह हुसैन ने। फराह हुसैन की बात करें तो वह राजस्थान के गांव नुआ की रहने वाली है। उनके पिता दौसा के कलेक्टर है। उनके बड़े भाई राजस्थान हाई कोर्ट में वकील है। उनके चाचा पुलिस के अधिकारी थे। उनके परिवार के कई सदस्य राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अधिकारी हैं।

बात करें फराह हुसैन की तो उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के बाद मुंबई में जाकर लॉ की पढ़ाई की हैं। 5 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की तैयारी करने में जुट गई। लगभग एक महीना उन्होंने कोचिंग की लेकिन कोचिंग में उन्हें केवल समय बर्बाद होता नजर आए।

इसके बाद घर में ही रह कर इंटरनेट के माध्यम से पढ़ना शुरू कर दिया और दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 267 वी रैंक लाकर आईएएस अफसर बन गई। वह बताती हैं कि उन्होंने अपना विषय लॉ लिया और रोज 10 से 15 घंटे की पढ़ाई करती थी। युवाओं को संदेश देते हुए वह बताती हैं कि युवाओं को पहले तय करना चाहिए कि उन्हें क्या करना है, दूसरा कदम कड़ी मेहनत करनी चाहिए और तीसरा कदम उस दिशा में ईमानदारी और पूरी मेहनत के साथ जुट जाना चाहिए।

अगर इन कदमों पर आज के युवा चलेंगे तो कुछ भी पाना मुश्किल नहीं है। फराह हुसैन बताती हैं कि वह महिलाओं और बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं। आईएएस अफसर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हैं।

परिवार का फुल सपोर्ट मिला

2015 बैच की आईएएस अफसर फराह हुसैन बताती हैं कि उन्हें आईएएस अफसर बनने के लिए परिवार से पूरा सपोर्ट मिला। पिता खुद भी कलेक्टर है तो वह भी चाहते थे कि उनकी बेटी उनके नक्शे कदम पर चले। फराह हुसैन ने मेहनत करके यह मुकाम हासिल कर लिया। वह बताती हैं कि मुस्लिम समाज में महिलाओं को कम पढ़ाया जाता है, मुस्लिम समाज में पिता बेटियों की जल्दी ही, कम उम्र में शादियां कर देते हैं इसे बंद करना चाहिए। बच्चियों को पढ़ाई करने का मौका देना चाहिए बच्चियां भी अच्छे मुकाम पर और अच्छे पद पर बैठ सकती हैं। उन्हें केवल अच्छे सपोर्ट की जरूरत है।

आईएएस फराह हुसैन के बारे में बताएं तो वह राजस्थान की दूसरी मुस्लिम आईएएस बनी है और बिना कोचिंग के आईएएस अफसर बनने का एक बेहतरीन उदाहरण फराह हुसैन ने पेश किया है। फराह हुसैन के प्रयासों ने बताया है कि कड़ी मेहनत और लगन से एक दिशा में डट कर के काम किया जाए तो कोई भी काम छोटा नहीं होता।

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