झुंझुनू – पंजाब के आर्मी के टॉप कमांडरों के बीच मतभेद ~ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के आदेश

झुंझुनू – पंजाब के आर्मी के टॉप कमांडरों के बीच मतभेद ~ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के आदेश:

राजनीति में नेताओं के बीच मतभेद के मामले होने स्वाभाविक होते है लेकिन भारतीय सेना के 2 शीर्ष अधिकारियों के बीच तनातनी और मतभेद का मामला आज की सुर्खियों में है। भारतीय सेना के जयपुर स्थित दक्षिण-पश्चिमी कमान में तैनात अफसर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर और नंबर दो लेफ्टिनेंट जनरल केके रेपसवाल के बीच एक दूसरे की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाये। इन दोनों टॉप अधिकारियों के बीच अहं की लड़ाई इतनी अधिक बढ़ गई कि एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें कर दीं जिसके बाद मामला बढ़ने के बाद आर्मी ने दिए कोर्ट ऑफ इनक्वायरी (Court Of Enquiry) के आदेश दे दिए। सेना में इस रैंक के अधिकारियों के बीच ऐसा मामला बहुत कम देखने को मिलता है।

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भारतीय सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान का हेडक्वार्टर जयपुर में स्थित है। इस साउथ-वेस्टर्न कमान के एक लाख 30 हज़ार भारतीय सैनिक राजस्थान और पंजाब से सटी पाकिस्तानी सीमा की हिफाजत करते हैं। भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार एक टॉप सैन्य कमांडरों के बीच अधिकारों और कार्यशैली को लेकर विवाद सामने आया।

इस विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घूमन को जिम्मेदारी दी गयी और दो दिन में विवाद सुलझ गया और लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घूमन ने पूरी की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी और विवाद सुलझ गया ।

लेफ्टिनेंट जनरल केके रेपसवाल का परिचय :

लेफ्टिनेंट कर्नल जनरल केके रेपसवाल की तीन पीढ़िया देश सेवा के लिए तत्पर है। इनका जन्म राजस्थान के झुंझुनूं की उदयपुरवाटी तहसील के रघुनाथपुरा ग्राम में हुआ तथा लेफ्टिनेंट जनरल रेपसवाल के छोटे भाई लेफ्टिनेंट जनरल बीके रेपसवाल आर्मी सर्विस कोर, बेंगलुरु में कार्यरत है इनके पिता जगन सिंह रेपसवाल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल रह चुके हैं जिन्होंने वर्ष 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए अपनी सेवा दी। जेएस रेपसवाल लेफ्टिनेंट कर्नल के परिवार की तीन पीढ़िया दोनों पुत्र, दोनों पौत्र व दामाद एक साथ देश रक्षार्थ भारतीय सेना में देश सेवा में समर्पित हैं

लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर का परिचय :

लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह कलेर , पीवीएसएम , वीएसएम भारतीय सेना में एक सेवारत सामान्य शीर्ष अधिकारी हैं । वर्तमान में दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं । लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने भारतीय सेना में अपना नया पदभार संभालने के लिए दिल्ली से जयपुर के बीच की 270 किलोमीटर लंबी यात्रा साइकिल से तय करके भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया जो वाकई काबिले तारीफ था। इनका जन्म लुधियाना के ककराल कलां गाँव में हुआ था और इनकी पारिवारिक सैन्य पृष्ठभूमि है।

इनके पिता गुरदेव सिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं। आलोक जी के बड़े भाई एयर मार्शल जेएस कलेर रिटायर्ड हो चुके हैं। दक्षिण पश्चिमी कमान संभालने के बाद उन्होंने 25 अक्टूबर को एक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर से छलांग लगाकर एक पैरा जंप भी किया जो काफी सुर्खियों में रहा था ।

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