झुंझुनू के 20 रिटायर्ड फौजियों की ‘कोरोना सेना’ जो दिन रात कर रही है बुरे वक़्त में मदद,पेश की मिशाल

राजस्थान का झुंझुनू जिला पूरे हिंदुस्तान का एकमात्र जिला है जहां से अब तक भारत के सेना में सबसे ज्यादा सैनिक शामिल हुए हैं। आज भी इस जिले में एक लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक रहते हैं और उसके साथ उनके परिवार वाले देश की सेना में आज भी सीमा सुरक्षा पर है। कहा जाता है कि सैनिक चाहे अपनी ड्यूटी से रिटायर हो जाए, लेकिन उसके अंदर की देशभक्ति और जज्बा कभी भी कम नहीं होता।

इसी को साबित कर रहे हैं झुंझुनू जिले के 20 पूर्व सैनिक। आपको बताएं राजस्थान का यह जिला वीरों की धरती माना जाता है। यहां पर एक लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक अपने परिवार के साथ रहते हैं। इस समय में देश के लगभग सभी राज्यों में लॉकडाउन है। लॉक डाउन की वजह एकमात्र माहमारी का बुरा वक़्त हैं। यह वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है और महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या रोजाना तेजी से बढ़ रही है। इसी को रोकने के लिए राजस्थान में भी लॉक डाउन लगाया गया है।

उसी का पालन करवाने के लिए राजस्थान के झुंझुनू जिले के गुढ़ागौड़जी मोड़ पर 20 पूर्व सैनिक लॉकडाउन का लोगों से पालन करवा रहे हैं। सभी पूर्व सैनिक लोगों को महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए जागरुक कर रहे हैं। यह टीम अपने पैसों से मास्क, काढ़ा व गरीबों की मदद कर रहे हैं। साफ सफाई का भी ध्यान रख रहें है। इस पूरी टीम का नेतृत्व नेमीचंद कर रहे हैं, नेमीचंद 30 साल तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह श्रीलंका,भूटान जैसे देशों सीमाओं पर खड़े रहकर भारत की रक्षा कर चुके हैं। नेमीचंद और उनकी टीम 12 घंटे रोजाना ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।

वे लोग अपनी गाड़ी और अपने खर्चे पर लोगों की मदद करते हैं। इलाके में पेट्रोलिंग करते हैं और जो लोग लॉक डाउन का पालन नहीं करते उनको उठक बैठक और डक वॉक जैसी स’जा भी देते हैं। जिससे लोग बाहर निकलने से कतराए। आने वाली पीढ़ी को बचाना हैं। उनकी टीम के बनवारी लाल बताते हैं कि वह यह लड़ाई इसीलिए लड़ रहे हैं कि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहें। कोरोना को हराने के लिए वह लोग यह काम कर रहे हैं।

उनकी टीम के एक सदस्य बताते हैं कि जिस तरीके से दु’श्म नों की तरफ से होने वाली गो’ ला बारी को एक लड़ाई के तौर पर लेते हैं, वैसे ही कोरोना वायरस को भी हमने एक लड़ाई के तौर पर लिया है। हम जैसे दु’श्म नों को हरा देते हैं, वैसे भी इस बीमारी को हरा देंगे। हमारे अंदर में जीतने का पूरा जोश है और हम जरूर इस लड़ाई को जीत कर दिखाएंगे।

जैसे ही जिलाधिकारीयो को पता लगा तो उन्होंने भी पूर्व सैनिकों की तारीफ की और हर संभव प्रयास करने के लिए भी कहा। नेमी चंद और उनकी टीम गाड़ी से पेट्रो’लिंग करती है और उनकी गाड़ी पर एक स्टीकर लगा हुआ है जिसमें लिखा है कोरोना सेना। वाकई मानना पड़ेगा कि भारत का सैनिक ड्यूटी से रिटायर होने के बाद भी ड्यूटी के लिए मुस्तैद रहता है। वह देश को बचाने के लिए हर वक्त तैयार रहता है। हम भी इन सैनिकों को सच्चे दिल से सलाम करते हैं और इनकी सच्ची और निस्वार्थ सेवा के लिए अपनी टीम की ओर से बधाई देते हैं।

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